PM मोदी को 'बड़ा भाई' बताने वाले भूटानी प्रधानमंत्री आज से भारत के दौरे पर, जानें क्या है पूरा शेड्यूल
Babushahi Bureau
नई दिल्ली, 3 सितंबर 2025 : भारत और भूटान के बीच घनिष्ठ और विशेष संबंधों को एक नई ऊंचाई देते हुए, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे (Tshering Tobgay) आज यानी बुधवार से भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आ रहे हैं। यह इस साल उनका दूसरा भारत दौरा है, जो दोनों देशों के बीच मजबूत होते रणनीतिक और व्यक्तिगत रिश्तों को दर्शाता है।
इस यात्रा का एक मुख्य आकर्षण उनका अपनी पत्नी, ओम ताशी डोमा (Aum Tashi Doma), के साथ अयोध्या और गया जैसे पवित्र धार्मिक स्थलों का दौरा करना भी है, जिसके बाद वह दिल्ली में विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) से मुलाकात करेंगे।
अयोध्या और गया का दौरा: कूटनीति के साथ आस्था का संगम
प्रधानमंत्री तोबगे का यह दौरा सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण है। अपनी यात्रा के दौरान वह सबसे पहले अयोध्या और गया जाएंगे, जो भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के केंद्र हैं। यह कदम दोनों देशों के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक जुड़ाव को और भी गहरा करेगा।
इसके बाद वह दिल्ली लौटकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, जिसमें क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, उनकी यह यात्रा भारत-भूटान के बीच नियमित उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा का हिस्सा है और यह "विश्वास, सद्भावना और आपसी समझ पर आधारित अनुकरणीय संबंधों" को और मजबूत करेगी।
जब PM मोदी को बताया था 'गुरु' और 'बड़ा भाई'
प्रधानमंत्री तोबगे का भारत और विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति गहरा सम्मान किसी से छिपा नहीं है। इससे पहले, इसी साल 20-21 फरवरी को अपनी भारत यात्रा के दौरान उन्होंने इस रिश्ते को सार्वजनिक मंच पर एक नया आयाम दिया था।
1. नई दिल्ली में 'स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप' (SOUL) सम्मेलन को संबोधित करते हुए, उन्होंने पीएम मोदी को अपना "बड़ा भाई" और "गुरु" कहकर संबोधित किया था।
2. उन्होंने कहा था, "निसंदेह, मैं आपमें एक बड़े भाई की छवि देखता हूं, जो हमेशा मेरा मार्गदर्शन करते हैं और मुझे मदद देते हैं।" उन्होंने भूटान में सार्वजनिक सेवा में सुधार के लिए पीएम मोदी से मार्गदर्शन भी मांगा था।
3. इस कार्यक्रम में उनके द्वारा हिंदी भाषा का उपयोग करने की भी दर्शकों ने खूब सराहना की थी।
यात्रा के मायने: एक अटूट साझेदारी का प्रतीक
एक ही साल के भीतर भूटानी प्रधानमंत्री का यह दूसरा दौरा भारत की 'पड़ोसी पहले' (Neighbourhood First) नीति की सफलता और भूटान के साथ उसके 'विशेष' संबंधों की गहराई को रेखांकित करता है। यह यात्रा न केवल दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करेगी, बल्कि नेताओं के बीच मौजूद व्यक्तिगत और गर्मजोशी भरे संबंधों को भी दर्शाती है, जो आधुनिक कूटनीति में एक मिसाल है।
MA
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