Indian Navy को मिला स्वदेशी युद्धपोत 'अंजदीप'; जानें इसकी खासियत
Babushahi Bureau
कोलकाता/नई दिल्ली, 23 दिसंबर: रक्षा क्षेत्र में 'आत्मनिर्भर भारत' की मुहिम को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। सोमवार को कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स यानी जीआरएसई (GRSE) ने भारतीय नौसेना (Indian Navy) को उसका पांचवां और बेहद घातक युद्धपोत 'अंजदीप' (Anjadip) सौंप दिया।
यह 'एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट' (Anti-Submarine Warfare Shallow Water Craft) श्रेणी का जहाज है, जिसे विशेष रूप से दुश्मन की पनडुब्बियों को खोजने और नष्ट करने के लिए तैयार किया गया है। जीआरएसई ने साल 2025 में नौसेना को कुल पांच युद्धपोत सौंपकर एक नया रिकॉर्ड (Record) भी कायम किया है।
क्यों खास है इसका नाम और डिजाइन?
इस युद्धपोत का नामकरण गोवा और कर्नाटक के तटीय क्षेत्र कारवार के पास स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 'अंजदीप द्वीप' (Anjadip Island) के नाम पर किया गया है। पूर्वी नौसेना कमान के रियर एडमिरल गौतम मारवाहा ने इसे आधिकारिक रूप से स्वीकार किया। तकनीक के मामले में यह बेमिसाल है। करीब 77 मीटर लंबा यह जहाज वाटरजेट (Waterjet) तकनीक से संचालित होने वाला भारत का सबसे बड़ा नौसैनिक युद्धपोत है। इसमें तीन वाटरजेट और मरीन डीजल इंजन लगे हैं, जो इसे समंदर में गजब की फुर्ती और रफ्तार देते हैं।
दुश्मनों के लिए काल है 'अंजदीप'
यह जहाज हथियारों और सर्विलांस सिस्टम (Surveillance System) के मामले में बेहद आधुनिक है।
1. हथियार: यह अत्याधुनिक हल्के टॉरपीडो (Torpedoes), स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए एंटी-सबमरीन रॉकेट और जीआरएसई द्वारा बनाई गई 30 एमएम की 'नेवल सरफेस गन' से लैस है।
2. उथले पानी में मार: इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसकी गहराई (Draft) केवल 2.7 मीटर है। इसका मतलब है कि यह उथले पानी (Shallow Water) और तटों के बेहद करीब जाकर भी आसानी से दुश्मन का शिकार कर सकता है।
3. स्वदेशी तकनीक: इस जहाज को बनाने में 88 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री (Indigenous Content) का इस्तेमाल किया गया है, जो भारत की बढ़ती निर्माण क्षमता को दर्शाता है।
एक साल में 5 जहाज सौंपकर रचा इतिहास
जीआरएसई के लिए यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, क्योंकि किसी भी भारतीय शिपयार्ड ने एक ही साल में पांच युद्धपोत नौसेना को नहीं सौंपे हैं। बता दें कि 'अंजदीप' से पहले इसी साल 'हिमगिरी', 'अर्नला', 'अंद्रोथ' और सर्वे वेसल 'इक्षक' भी नौसेना को दिए जा चुके हैं। 'अंजदीप' को कुल 57 कर्मियों (7 अधिकारियों सहित) के रहने और लंबे समय तक ऑपरेशन चलाने के हिसाब से डिजाइन किया गया है।
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