Himachal Doctor's Strike: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने डॉक्टरों से की हड़ताल खत्म करने की अपील, जानें क्या बोले
बाबूशाही ब्यूरो
शिमला, 28 दिसंबर 2025 : इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में मारपीट मामले के बाद सीनियर रेजिडेंट डॉ. राघव नरुला को बर्खास्त करने के विरोध में हिमाचल में डॉक्टर रविवार को भी हड़ताल पर हैं। रविवार को आईजीएमसी के अटल सभागार के बैडमिंटन हॉल में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र और चिकित्सक इकट्ठे हो गए हैं। जहां वे डॉक्टर की बर्खास्तगी को गलत बता रहे हैं और एकतरफा कार्रवाई करने को लेकर प्रदेश सरकार से न्याय की मांग कर रहे हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने डॉक्टरों से अपील है कि हड़ताल को खत्म करें और सोमवार से काम पर लौटें। उन्होंने कहा कि मैं आईजीएमसी से सीनियर डॉक्टरों से चर्चा करूंगा और पूरी जांच की जाएगी और फैसले को रिव्यू किया जाएगा।
मेडिकल कॉलेजों में रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन (एमओएच) भी हड़ताल पर है, जबकि सेमडिकोट समर्थन कर रही है। इसके चलते शनिवार को प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों, जोनल अस्पतालों और सीएचसी एवं पीएचसी में भी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं।
कई जगह ओपीडी में मरीजों की जांच नहीं हो सकी, कई ऑपरेशन नहीं हुए। अस्पतालों में मरीज परेशान रहे। दूरदराज से आए मरीजों-तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वरिष्ठ डॉक्टरों ने हालांकि ओपीडी में सेवाएं दीं, लेकिन मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ा। इसी बीच, सरकार ने अस्पतालों में आपात सेवाओं को सुचारु बनाने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल, अतिरिक्त निदेशक, एमएस की छुट्टियों पर रोक लगा दी है। उन्हें अस्पताल में मौजूद रहने के लिए कहा गया है। वरिष्ठ एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों (कंसल्टेंट) को ओपीडी में बैठने के निर्देश दिए गए हैं। उधर, हड़ताल पर गए डॉक्टर शनिवार को भी डॉ. राघव नरुला को बर्खास्त करने का फैसला वापस लेने पर अड़े रहे।
चिकित्सा शिक्षा व अनुसंधान निदेशालय (डीएमईआर) की ओर से जारी एसओपी के तहत जारी निर्देशों में इमरजेंसी सेवाएं पूरी तरह चालू रहेंगी। जूनियर एवं सीनियर रेजीडेंट और फैकल्टी 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे। ओपीडी और वार्ड सेवाओं के लिए कंसल्टेंट डॉक्टर ओपीडी में अनिवार्य रूप से बैठेंगे। भर्ती मरीजों को पहली प्राथमिकता देनी होगी। रोजाना वार्ड राउंड अनिवार्य किया गया है। ऑपरेशन थिएटर में रूटीन ऑपरेशन बंद रहेंगे, सिर्फ आपातकालीन ऑपरेशन किए जाएंगे।
रेडियोलॉजी सेवाएं जैसे एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई आदि जांच इमरजेंसी और भर्ती मरीजों के लिए प्राथमिकता पर होंगी। लैब सेवाएं जैसे पैथोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री और माइक्रोबायोलॉजी लैब बिना किसी रुकावट के काम करती रहेंगी। शैक्षणिक गतिविधियां किसी भी हाल में प्रभावित नहीं होनी चाहिए। एमबीबीएस छात्रों की पढ़ाई, ट्रेनिंग और परीक्षाएं जारी रहेंगी।
सभी विभागाध्यक्षों को ओपीडी, आईपीडी और आपात सेवाओं के लिए कंसल्टेंट की ड्यूटी रोस्टर बनाने के निर्देश दिए गए हैं। मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य, अतिरिक्त निदेशक और मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को इस अवधि में अवकाश न लेने और कॉलेजों में उपलब्ध रहने के आदेश दिए हैं। प्राचार्य प्रतिदिन शाम चार बजे सभी विभागाध्यक्षों के साथ समीक्षा कर रिपोर्ट डीएमईआर को भेजेंगे।
निर्देशों की अवहेलना या आवश्यक सेवाओं में बाधा डालने पर नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. गोपाल बेरी ने कहा कि आपात सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी। सभी अस्पतालों में हड़ताल की स्थिति और मरीजों के प्रभावित होने पर रिपोर्ट मांगी गई है।
हड़ताल गलत, हर संस्थान की बन रही रिपोर्ट : शांडिल
स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा कि डॉक्टरों को हड़ताल पर नहीं जाना चाहिए। हो सकता है कि डॉक्टर दबाव बनाने के लिए ऐसा कर रहे हों। वह किसी की सेवाओं या कॅरिअर के खिलाफ नहीं हैं। उन्हें लोगों की स्वास्थ्य सुविधा देखनी है। स्वास्थ्य मंत्री ने निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं से फीडबैक लिया। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी सेवाओं में कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
हर स्वास्थ्य संस्थान रोजाना रिपोर्ट बनाएगा कि किस संस्थान में कितने डॉक्टर कहां पर काम कर रहे हैं और कौन काम नहीं कर रहे हैं। आपात सेवाओं में कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। सीएम के दिल्ली से लौटने पर वह खुद डॉक्टरों की मुख्यमंत्री से बात करवाएंगे। उनका निजी तौर पर मानना है कि अगर चुपचाप से आकर माफी मांगने की बात करते तो मामला सुलझ सकता था।
आईजीएमसी में की डाॅक्टरों ने नारेबाजी
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए रेजिडेंट डॉक्टर, इंटर्न और मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं ने अटल सभागार भवन के बैडमिंटन कोर्ट में शनिवार को करीब बारह बजे बर्खास्त चिकित्सक की बहाली के लिए नारेबाजी की। आरडीए की अगुवाई में जुटे इन सैकड़ों डॉक्टरों ने वी वांट जस्टिस..., सम्मान दो, सेवाएं लो... जैसे नारे लगाकर एकजुटता दिखाई।
बर्खास्तगी आदेश वापस लेने पर अड़े डाॅक्टर, आईजीएमसी में नारेबाजी
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए रेजिडेंट डॉक्टर, इंटर्न और मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं ने अटल सभागार भवन के बैडमिंटन कोर्ट में शनिवार को करीब बारह बजे बर्खास्त चिकित्सक की बहाली के लिए नारेबाजी की। आरडीए की अगुवाई में जुटे इन सैकड़ों डॉक्टरों ने वी वांट जस्टिस..., सम्मान दो, सेवाएं लो... जैसे नारे लगाकर एकजुटता दिखाई। एलान किया कि बर्खास्तगी के आदेशों के वापस लिए जाने तक उनका यह आंदोलन जारी रहेगा। रेजिडेंट अस्पतालों में सिर्फ आपातकालीन सेवाएं देंगे, वार्ड और ओपीडी में सेवाएं बंद रहेंगी।
आरडीए के अध्यक्ष डॉ. सोहेल शर्मा ने रेजिडेंट और इंटर्न को संबोधित करते हुए कहा कि आईजीएमसी में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना और इसके बाद सिर्फ चिकित्सक पर कार्रवाई से चिकित्सक पेशा और संस्थान की साख को नुकसान पहुंचा है। मात्र छह घंटे में चिकित्सक के निलंबन और 48 घंटे में बर्खास्तगी के हुए फैसले से संदेश गया है कि इसमें सिर्फ चिकित्सक ही दोषी था, जबकि किसी भी हिंसा की घटना के दो पहलू होते है। इस मामले की पूरी जांच किए बिना ही चिकित्सक पर कार्रवाई कर एकतरफा फैसला ले लिया गया।
उन्होंने कहा कि सरकार इस फैसले को वापस ले और चिकित्सक को बहाल करे, चिकित्सकों की अस्पतालों में सुरक्षा सुनिश्चित करे। बर्खास्तगी के इस फैसले के बाद चिकित्सकों को मरीजों का उपचार करना मुश्किल हो जाएगा, कोई भी उन्हें धमका जाएगा। उन्होंने कहा कि डॉ. नरूला की बर्खास्तगी का फैसला न्यायसंगत नहीं है। इसलिए सरकार इस पर पुनर्विचार कर बर्खास्तगी के आदेशों को वापस ले और चिकित्सकों की अस्पतालों में सुरक्षा सुनिश्चित करे। इस मामले में पूरी जांच होने के बाद ही कोई फैसला लिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि जब तक आरडीए की ये मांगें पूरी नहीं की जातीं, उनकी यह हड़ताल जारी रहेगी। इस हड़ताल को मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के साथ ही सभी मेडिकल कॉलेजों की आरडीए पूरा समर्थन कर रही है।
यह है मामला
मामला सोमवार दोपहर 12:00 बजे का है, जब अस्पताल में अर्जुन का ब्रोंकोस्कॉपी टेस्ट किया गया। इसके बाद पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के वार्ड में खाली बेड पर वह लेट गया। इसी दौरान सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर राघव नरुला मौके पर पहुंचे और मरीज से एक्सरे समेत अन्य दस्तावेज मांगे। इसी दौरान दोनों पक्षों में किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई और मामला मारपीट तक जा पहुंचा। पुलिस को दी शिकायत में दोनों ओर से मारपीट, बदसलूकी के आरोप लगाए गए हैं। (SBP)
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