Punjab News : प्रवासी मजदूरों पर लगी 5 सख्त पाबंदियां, पंचायत ने सुनाया फरमान
Babushahi Bureau
बठिंडा, 15 सितंबर, 2025 : पंजाब में प्रवासी मजदूरों (Migrant Laborers) के प्रति बढ़ता गुस्सा अब गांवों की पंचायतों के फैसलों में भी नजर आने लगा है। बठिंडा जिले के गांव गहरी भागी की पंचायत ने एक विवादित फैसला लेते हुए प्रवासी मजदूरों के लिए 5 सख्त नियम लागू कर दिए हैं। इन नियमों का ऐलान गांव के गुरुद्वारा साहिब से किया गया, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है।
क्या हैं पंचायत के 5 कड़े नियम?
पंचायत द्वारा जारी किए गए फरमान में ये शर्तें शामिल हैं:
1. जमीन खरीदने पर रोक: कोई भी प्रवासी मजदूर गांव में घर या जमीन नहीं खरीद सकेगा।
2. वोट और आधार कार्ड पर पाबंदी: प्रवासी मजदूरों के आधार कार्ड (Aadhaar Card) और वोटर कार्ड (Voter Card) गांव के पते पर नहीं बनाए जाएंगे।
3. रहने का स्थान सीमित: गांव में आने वाले मजदूर सिर्फ खेतों में बनी मोटर (ट्यूबवेल) पर ही रह सकेंगे, गांव की आबादी में नहीं।
4. किसान की होगी जिम्मेदारी: जिस किसान के खेत में प्रवासी मजदूर काम करेगा, उसकी पूरी जिम्मेदारी उसी किसान की होगी।
5. पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य: गांव में आने वाले हर प्रवासी मजदूर की पुलिस वेरिफिकेशन (Police Verification) करवाना अनिवार्य होगा।
क्यों लिया गया यह फैसला?
गांव के लोगों का कहना है कि होशियारपुर समेत पंजाब के अन्य हिस्सों में प्रवासी मजदूरों द्वारा की जा रही आपराधिक घटनाओं के कारण उनमें डर और गुस्सा है। गांव के सरपंच बलजीत सिंह ने साफ कहा, "जो भी मजदूर काम के लिए आएगा, वह गांव में बस नहीं सकेगा।"
इस फैसले को भारतीय किसान यूनियन (BKU) सिद्धूपुर का भी समर्थन मिला है। ब्लॉक प्रधान जसवीर सिंह ने आरोप लगाया कि यूपी-बिहार से आए प्रवासी मजदूर गांवों का माहौल खराब कर रहे हैं, इसलिए यह कदम उठाना जरूरी था।
हालांकि, पंचायत के इस फैसले ने एक नई बहस छेड़ दी है। कई लोग इसे गैर-कानूनी और मानवाधिकारों का उल्लंघन बता रहे हैं, और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच भी इस पर चर्चा तेज हो गई है।
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