5 सितंबर : इतिहास के पन्नों में दर्ज आज का दिन
Babushahi Bureau
चंडीगढ़, 5 September 2025 : इतिहास के पन्ने हर तारीख में कुछ विशेष घटनाएं संजोए रखते हैं। कुछ तारीखें किसी महान व्यक्ति के जन्म तो कुछ किसी महत्वपूर्ण घटना की वजह से यादगार बन जाती हैं। ऐसी ही एक तारीख है 5 सितंबर। भारत में यह दिन 'शिक्षक दिवस' के रूप में बड़े सम्मान के साथ मनाया जाता है, जो देश के दूसरे राष्ट्रपति और एक महान शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को समर्पित है। लेकिन इस तारीख का महत्व सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है।
5 सितंबर की तारीख विश्व पटल पर भी कई अहम बदलावों और ऐतिहासिक पलों की गवाह रही है। इस दिन जहां एक ओर युद्ध और समझौतों ने दुनिया का नक्शा बदला, वहीं दूसरी ओर कुछ महान आत्माओं ने इस दुनिया को अलविदा भी कहा। यह तारीख हमें याद दिलाती है कि कैसे अलग-अलग समय में हुई घटनाओं ने हमारे आज को आकार दिया है।
तो चलिए, इतिहास के झरोखे से देखते हैं कि 5 सितंबर का दिन भारत और दुनिया के लिए किन-किन महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से यादगार बना हुआ है और क्यों यह तारीख आज भी उतनी ही प्रासंगिक है।
इतिहास के पन्नों में आज का दिन: 5 सितंबर की प्रमुख घटनाएं
1. 1798: फ्रांस में अनिवार्य सैन्य सेवा कानून प्रभाव में आया : आज ही के दिन फ्रांस में एक महत्वपूर्ण कानून लागू हुआ, जिसके तहत देश के सभी युवाओं के लिए सैन्य सेवा को अनिवार्य कर दिया गया। इस कदम ने फ्रांस की सेना को एक नई ताकत दी और भविष्य के युद्धों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा।
2. 1888: भारत के दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म : भारत के लिए यह तारीख सबसे ज्यादा डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप में महत्वपूर्ण है। वे एक महान दार्शनिक, विद्वान और भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे। शिक्षा के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान के सम्मान में, उनके जन्मदिन को पूरे भारत में 'शिक्षक दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
3. 1914: ब्रिटेन, फ्रांस, बेल्जियम और रूस के बीच लंदन समझौता हुआ : प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, आज ही के दिन इन चार देशों ने एक साथ मिलकर लंदन समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत, सभी देशों ने यह संकल्प लिया कि वे जर्मनी के खिलाफ एकजुट होकर लड़ेंगे और कोई भी देश अलग से शांति समझौता नहीं करेगा।
4. 1991: नेल्सन मंडेला अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए : रंगभेद के खिलाफ एक लंबा संघर्ष करने वाले महान नेता नेल्सन मंडेला को आज ही के दिन सर्वसम्मति से अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस (ANC) का अध्यक्ष चुना गया था। यह दक्षिण अफ्रीका के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसने रंगभेद की समाप्ति और एक नए लोकतांत्रिक युग की शुरुआत की।
5. 1997: समाज सेविका मदर टेरेसा का निधन : पूरी दुनिया में गरीबों और बीमारों की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाली, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा का आज ही के दिन कोलकाता में निधन हो गया था। उनकी मृत्यु ने पूरी दुनिया को शोक में डाल दिया, लेकिन उनकी विरासत आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती है।
निष्कर्ष
5 सितंबर की तारीख जन्म, मृत्यु, युद्ध और शांति जैसी विभिन्न घटनाओं का एक अनूठा संगम है। यह दिन हमें डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जैसे शिक्षकों के महत्व और मदर टेरेसा जैसी महान आत्माओं के त्याग की याद दिलाता है। साथ ही, यह हमें उन ऐतिहासिक समझौतों और राजनीतिक बदलावों को भी समझने का अवसर देता है जिन्होंने हमारी दुनिया को वर्तमान स्वरूप दिया है। यह दिन इस बात का प्रमाण है कि इतिहास केवल अतीत की कहानी नहीं, बल्कि भविष्य के लिए एक प्रेरणा और सबक भी है।
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