Hindi Diwas 2025 : आज हिंदी दिवस - क्या आप जानते हैं 14 सितंबर को ही क्यों मनाते हैं यह दिन?
Babushahi Bureau
चंडीगढ़, 14 September 2025 : आज 14 सितंबर को पूरा देश राष्ट्रीय हिंदी दिवस (National Hindi Diwas) मना रहा है। यह दिन केवल एक भाषा का उत्सव नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान का प्रतीक है। यह दिन हमें हमारी जड़ों से जुड़ने और उस भाषा पर गर्व करने का अवसर देता है, जिसे महात्मा गांधी ने 'जनमानस की भाषा' कहा था ।
यह दिवस हमें याद दिलाता है कि हिंदी सिर्फ संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि एक ऐसी शक्ति है जो भारत की अनेक विविधताओं को एक धागे में पिरोती है । इसका उद्देश्य केवल हिंदी का प्रचार-प्रसार करना नहीं, बल्कि नई पीढ़ी को इसके समृद्ध इतिहास, साहित्य और आधुनिक दुनिया में इसकी बढ़ती प्रासंगिकता से परिचित कराना है। आइए, इस अवसर पर हम हिंदी के गौरवशाली अतीत और उज्ज्वल भविष्य को करीब से जानते हैं।
क्यों 14 सितंबर ही बना 'हिंदी दिवस'?
भारत की स्वतंत्रता के बाद, देश के सामने सबसे बड़े प्रश्नों में से एक राष्ट्रभाषा का चयन था। एक ऐसी भाषा की जरूरत थी जो पूरे देश की आत्मा को आवाज दे सके। लंबी बहस और विचार-विमर्श के बाद, संविधान सभा (Constituent Assembly) ने 14 सितंबर 1949 को एक ऐतिहासिक फैसला लिया ।
1. ऐतिहासिक निर्णय: इसी दिन, देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी को, संविधान के अनुच्छेद 343 (Article 343) के तहत भारत की आधिकारिक भाषा (Official Language) का दर्जा दिया गया ।
2. पहली बार उत्सव: इस ऐतिहासिक दिन की याद में, राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के आग्रह पर, भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1953 में 14 सितंबर को आधिकारिक तौर पर 'हिंदी दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की ।
(यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है, जबकि विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Day) हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है) ।
हिंदी दिवस का उद्देश्य: सिर्फ एक दिन का जश्न नहीं
इस दिन को मनाने का उद्देश्य केवल एक तारीख को याद करना भर नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरे अर्थ छिपे हैं:
1. जागरूकता फैलाना: लोगों में हिंदी के महत्व और उसके सही उपयोग के प्रति जागरूकता पैदा करना।
2. सांस्कृतिक एकता: देश की भाषाई विविधता का सम्मान करते हुए, हिंदी को एकता के प्रतीक के रूप में स्थापित करना ।
3. दैनिक जीवन में प्रयोग: लोगों को अपने दैनिक और सरकारी कामकाज में हिंदी का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना, ताकि इसका विकास निरंतर होता रहे ।
डिजिटल युग में हिंदी का नया अवतार
आज के डिजिटल युग (Digital Age) में जहां अंग्रेजी का बोलबाला है, वहीं हिंदी ने भी अपनी एक नई और शक्तिशाली पहचान बनाई है ।
1. सोशल मीडिया और कंटेंट: यूट्यूब, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हिंदी कंटेंट क्रिएटर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
2. तकनीक में हिंदी: गूगल और एलेक्सा जैसे वॉयस असिस्टेंट से लेकर स्मार्टफोन के यूजर इंटरफेस तक, हिंदी तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है।
3. वैश्विक मंच: हिंदी फिल्में, संगीत और वेब सीरीज दुनिया भर में हिंदी की लोकप्रियता को नए शिखर पर ले जा रहे हैं ।
निष्कर्ष
अंत में, हिंदी दिवस हमें यह याद दिलाता है कि अपनी भाषा का सम्मान करना अपनी पहचान का सम्मान करना है। यह दिन हमें हमारी समृद्ध साहित्यिक विरासत, जैसे कबीर, तुलसीदास, और प्रेमचंद के योगदान को याद करने और आज के डिजिटल युग में हिंदी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प लेने के लिए प्रेरित करता है । यह केवल एक दिन का उत्सव नहीं, बल्कि अपनी भाषा के प्रति प्रेम और गर्व को हर दिन जीने का एक अवसर है।
MA
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