Nepal में नया दौर : PM सुशीला कार्की ने संभाला कार्यभार, जानें कब होगा अंतरिम कैबिनेट का विस्तार?
Babushahi Bureau
काठमांडू, 14 September 2025 : नेपाल में हफ्तों तक चले हिंसक 'जेन-जी' (Gen-Z) आंदोलन के बाद, देश की पहली महिला प्रधानमंत्री (First Woman Prime Minister) सुशीला कार्की ने आज सुबह 11 बजे सिंह दरबार में आधिकारिक रूप से अपना कार्यभार संभाल लिया है।
पूर्व मुख्य न्यायाधीश कार्की की नियुक्ति ने देश में राजनीतिक उथल-पुथल के एक दौर का अंत किया है। अब सभी की नजरें उनके मंत्रिमंडल (Cabinet) के विस्तार पर टिकी हैं, जो आज ही संभव है।
कई दिनों की अशांति के बाद अब नेपाल में धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर लौट रही है। दुकानें, बाजार और स्कूल फिर से खुल रहे हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार आज संभव, विशेषज्ञों को मिलेगी जगह
प्रधानमंत्री कार्की अपने मंत्रिमंडल को छोटा लेकिन असरदार रखने की योजना बना रही हैं।
1. छोटा होगा मंत्रिमंडल: बताया जा रहा है कि वह 15 से अधिक मंत्री नहीं बनाएंगी, जबकि गृह (Home), विदेश (Foreign) और रक्षा (Defense) जैसे लगभग दो दर्जन महत्वपूर्ण मंत्रालय वह अपने पास रख सकती हैं।
2. विशेषज्ञों पर जोर: इस बार पारंपरिक राजनेताओं की जगह, विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को मौका दिया जा सकता है। जिन नामों पर विचार चल रहा है उनमें कानूनी विशेषज्ञ ओम प्रकाश आर्यल, पूर्व सेना अधिकारी बालानंद शर्मा, और ऊर्जा विशेषज्ञ कुलमन घीसिंग शामिल हैं। चिकित्सा क्षेत्र से भी डॉ. भगवान कोइराला और डॉ. संदुक रुइत जैसे बड़े नामों की चर्चा है।
3. ऑनलाइन वोटिंग से भी लिए जा रहे नाम: खास बात यह है कि 'जेन-जी' आंदोलन के सदस्य भी समानांतर चर्चा कर रहे हैं और ऑनलाइन वोटिंग के जरिए भी नाम सुझाए जा रहे हैं।
पटरी पर लौट रहा नेपाल, 5 मार्च 2026 को होंगे चुनाव
नई सरकार के गठन के साथ ही देश में चुनाव का भी ऐलान हो गया है।
1. संसद भंग, चुनाव की घोषणा: प्रधानमंत्री कार्की की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने 12 सितंबर को संसद (House of Representatives) को भंग कर दिया था। अब 5 मार्च 2026 को देश में नए सिरे से संसदीय चुनाव कराए जाएंगे।
2. सामान्य होता जनजीवन: काठमांडू घाटी समेत देश के कई हिस्सों से कर्फ्यू हटा लिया गया है। दुकानें, बाजार और शॉपिंग मॉल फिर से खुल गए हैं, और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही लौट आई है।
3. सोमवार से खुलेंगे स्कूल: युवाओं के आंदोलन के कारण 8 सितंबर से बंद स्कूल भी सोमवार से फिर से शुरू हो जाएंगे।
क्या था 'जेन-जी' आंदोलन?
नेपाल में यह बड़ा बदलाव 'जेन-जी' द्वारा शुरू किए गए एक बड़े आंदोलन का परिणाम है।
1. सोशल मीडिया बैन से भड़का गुस्सा: यह आंदोलन केपी शर्मा ओली सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ शुरू हुआ था, लेकिन जल्द ही यह भ्रष्टाचार और राजनीतिक भाई-भतीजावाद के खिलाफ एक बड़े जन-आंदोलन में बदल गया।
2. 51 लोगों की हुई थी मौत: इन हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान कम से कम 51 लोग मारे गए थे, जिसके बाद प्रधानमंत्री ओली और उनके मंत्रियों को इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा था।
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