राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में 151 मामलों का सौहार्दपूर्ण निपटारा
न्यायमूर्ति शील नागू और न्यायमूर्ति सुधीर सिंह के नेतृत्व में आयोजन
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 12 जुलाई। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) की राष्ट्रव्यापी पहल के अंतर्गत शनिवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ में एक दिवसीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। यह आयोजन उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के समन्वय से माननीय मुख्य न्यायाधीश शील नागू (मुख्य संरक्षक) और समिति के अध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति सुधीर सिंह की देखरेख में संपन्न हुआ।
लोक अदालत के उद्देश्य के तहत पक्षों के बीच सौहार्दपूर्ण समाधान को प्राथमिकता दी गई। इस अवसर पर कुल चार बेंचों का गठन किया गया था, जिनकी अध्यक्षता क्रमशः माननीय न्यायमूर्ति महाबीर सिंह सिंधु, न्यायमूर्ति कीर्ति सिंह, न्यायमूर्ति दीपिंदर सिंह नलवा और न्यायमूर्ति रोहित कपूर ने की।
458 मामलों में से 151 मामलों का समाधान
लोक अदालत में कुल 458 मामलों को सूचीबद्ध किया गया, जिनमें से 151 मामलों का निपटारा आपसी समझौते के आधार पर किया गया। ये मामले मुख्यतः मोटर दुर्घटना दावा से जुड़े थे। खास बात यह रही कि निपटाए गए मामलों में कई वर्षों से लंबित मुकदमे भी शामिल थे —
73 मामले 5 साल से अधिक
50 मामले 10 साल से अधिक
12 मामले 20 साल से अधिक
15 मामले 20 से 24 साल से लंबित थे
लंबित मुकदमों के समाधान की दिशा में अहम पहल
राष्ट्रीय लोक अदालत, नालसा की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य लंबित मामलों के बोझ को कम करना और वैकल्पिक विवाद निवारण (एडीआर) को प्रोत्साहित करना है। यह मंच वादियों को तेज़, सुलभ और कम खर्चीला समाधान प्रदान करता है, जिससे लंबी मुकदमेबाज़ी की आवश्यकता नहीं रहती।
सहयोग के लिए आभार
उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति की सचिव स्वाति सहगल ने आयोजन की सफलता में सहयोग देने के लिए माननीय न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं, पक्षकारों और न्यायालय स्टाफ का आभार व्यक्त किया। उन्होंने यह भी बताया कि समिति भविष्य में और अधिक मामलों को चिन्हित कर लोक अदालत के माध्यम से न्यायिक प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाने के लिए प्रयासरत रहेगी।
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