चंडीगढ़ नगर निगम की हाउस मीटिंग में हंगामा: कांग्रेस पार्षदों ने मेयर को घेरा, 238 करोड़ रुपये के खर्च का मांगा हिसाब
कम्युनिटी सेंटर की बुकिंग फीस बढ़ाने का एजेंडा भी चर्चा में, आम लोगों पर पड़ेगा सीधा असर
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 3 जून 2025 – मंगलवार सुबह चंडीगढ़ नगर निगम की हाउस मीटिंग भारी हंगामे के बीच शुरू हुई। जैसे ही बैठक आरंभ हुई, कांग्रेस के सभी पार्षद हाथों में विरोधी बैनर लेकर मेयर हरप्रीत कौर बबला की कुर्सी के पास पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे। पार्षदों ने प्रशासन और नगर निगम के बीच वित्तीय पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए।
विरोध का नेतृत्व सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी और कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत सिंह ने किया। उन्होंने निगम प्रशासन से यह स्पष्ट करने की मांग की कि सरकार द्वारा निगम को आवंटित किए गए 238 करोड़ रुपये का उपयोग कहां और कैसे किया गया। पार्षदों के हाथों में जो बैनर थे, उन पर तीखे राजनीतिक संदेश लिखे थे, जैसे – "भारतीय झूठी पार्टी है", जो साफ तौर पर भारतीय जनता पार्टी पर सीधा हमला था।
हंगामे के बीच एजेंडा पर चर्चा
मीटिंग में कुल 9 एजेंडों पर चर्चा होनी थी, जिसमें एक महत्वपूर्ण एजेंडा शहर के कम्युनिटी सेंटर्स की बुकिंग फीस बढ़ाना भी था। इस प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस पार्षदों ने विरोध जताया और कहा कि यदि यह पास हो गया, तो इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा, खासकर उन परिवारों पर जो सीमित बजट में शादी या अन्य सामाजिक कार्यक्रमों के लिए कम्युनिटी सेंटर बुक करते हैं।
पार्षदों ने क्या कहा?
सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर बंटी ने कहा,"हमारा सवाल साफ है – 238 करोड़ रुपये किस योजना में खर्च हुए? जनता को जवाब चाहिए। अगर इन पैसों का दुरुपयोग हुआ है, तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए।"
वहीं कांग्रेस की पार्षद गुरप्रीत सिंह ने कहा,"महंगाई पहले ही जनता की कमर तोड़ चुकी है। अब अगर कम्युनिटी सेंटर की बुकिंग महंगी कर दी गई तो मध्यमवर्गीय और निम्नवर्गीय लोगों के लिए कार्यक्रम करना मुश्किल हो जाएगा।"
प्रशासन की प्रतिक्रिया
मेयर हरप्रीत कौर बबला ने हंगामे के बीच सदन को शांत करने की कोशिश की और आश्वासन दिया कि पार्षदों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी और आवश्यकतानुसार जांच भी करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी एजेंडों पर लोकतांत्रिक तरीके से विचार-विमर्श होगा।
चंडीगढ़ नगर निगम की यह बैठक एक बार फिर राजनीतिक टकराव और जनहित के मुद्दों के बीच उलझती नजर आई। जहां विपक्ष जवाब मांग रहा है, वहीं प्रशासन को अब अपनी पारदर्शिता और जवाबदेही साबित करनी होगी। कम्युनिटी सेंटर की बुकिंग फीस बढ़ाने जैसे प्रस्ताव आम जनता के हित से जुड़े हैं, जिन पर जल्द और संवेदनशील निर्णय अपेक्षित है।
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