हरियाणा कांग्रेस को संवारने चंडीगढ़ पहुंचेंगे राहुल गांधी, गुटबाजी पर सख्ती के संकेत
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 04 जून – लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी आज बुधवार 4 जून को हरियाणा दौरे पर चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य राज्य कांग्रेस संगठन को नए सिरे से खड़ा करना और वर्षों से चली आ रही गुटबाजी पर लगाम लगाना है। राहुल गांधी सुबह 11:30 बजे चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर उतरेंगे और वहां से सीधे हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचेंगे, जहां वह सीनियर नेताओं और 22 पर्यवेक्षकों के साथ महत्वपूर्ण बैठक करेंगे।
नेताओं से सीधी बात, सख्त संदेश
राहुल गांधी के स्वागत के लिए एयरपोर्ट पर हरियाणा कांग्रेस प्रभारी बी.के. हरि सिंह, प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, सांसद कुमारी सैलजा और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला मौजूद रहेंगे। इसके बाद कांग्रेस कार्यालय में राहुल गांधी 17 वरिष्ठ नेताओं से अलग से चर्चा करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, वह गुटबाजी खत्म करने और संगठनात्मक एकता को प्राथमिकता देने का साफ संदेश देंगे। उम्मीद की जा रही है कि राहुल गांधी नेताओं को यह चेतावनी भी देंगे कि पार्टी हित से ऊपर व्यक्तिगत एजेंडा नहीं होना चाहिए।
पर्यवेक्षकों से संगठन की जमीनी हकीकत जानेंगे
राहुल गांधी की इस यात्रा का दूसरा अहम पहलू प्रदेश के सभी 22 जिलों के पर्यवेक्षकों से मुलाकात है। ये पर्यवेक्षक जिला स्तर पर संगठन की स्थिति का मूल्यांकन कर रहे हैं और जल्द ही जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। राहुल इन पर्यवेक्षकों से फीडबैक लेकर आगामी रणनीति तय करेंगे और संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने की योजना पर चर्चा करेंगे।
जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए नए मानदंड
हरियाणा कांग्रेस में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर नई नीति बनाई गई है। उम्मीदवार की उम्र 35 से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए और उसे कम से कम पांच वर्षों का सक्रिय संगठनात्मक अनुभव होना आवश्यक है। इसके अलावा, साफ-सुथरी छवि और गुटबाजी से दूर रहने वाले नेताओं को प्राथमिकता दी जाएगी। जहां एक से अधिक दावेदार होंगे, वहां पैनल बनाकर आपसी सहमति या वोटिंग से फैसला लिया जाएगा।
गुटबाजी बनी कांग्रेस की सबसे बड़ी चुनौती
हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी का मुद्दा नया नहीं है। 2024 विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी यह टकराव मंचों तक आ गया था। राहुल गांधी ने उस समय नारायणगढ़ रैली में कुमारी सैलजा और भूपेंद्र हुड्डा के बीच सुलह कराने की कोशिश की थी, लेकिन बात नहीं बनी। चुनाव में कांग्रेस को 39.09% वोट मिले, जो भाजपा के 39.94% से महज 0.85% कम थे, बावजूद इसके पार्टी केवल 37 सीटों तक सीमित रह गई, जबकि भाजपा 48 सीटें जीतने में कामयाब रही।
राहुल गांधी की यह यात्रा हरियाणा कांग्रेस के लिए संगठनात्मक रूप से नई दिशा तय कर सकती है। अब देखना होगा कि क्या वह गुटबाजी को खत्म करने में सफल हो पाते हैं या नहीं।
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