शहीद भगत सिंह मेमोरियल हॉल का बीबी गुरजीत कौर ने किया उद्घाटन, कहा- सभी सरकारों ने शहीद भगत सिंह के नाम को सिर्फ अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया
रामपुरा फूल, 4 अगस्त 2025:
सभी सरकारें शहीद भगत सिंह के नाम का सिर्फ अपने राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग कर रही हैं। किसी भी सरकार ने उनकी विचारधारा को आम जनता तक पहुँचाने की आवश्यकता नहीं समझी। यह बात शहीद भगत सिंह की भतीजी, बीबी गुरजीत कौर ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही।
बीबी गुरजीत कौर रामपुरा फूल के मेन चौक स्थित पब्लिक लाइब्रेरी के दूसरी मंजिल पर बने शहीद भगत सिंह यादगारी हॉल के उद्घाटन के लिए पहुंचीं। यह कार्यक्रम लाइब्रेरी के प्रधान योगेश सिंगला की देखरेख में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पंजाबी लेखक बलदेव सिंह सड़कनामा ने की, जबकि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली के सेवानिवृत्त प्रोफेसर और 50 से अधिक पुस्तकों के लेखक प्रोफेसर चमन लाल मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद थे।
इस अवसर पर प्रसिद्ध पत्रकार और आलोचक बलजीत बल्ला भी उपस्थित थे। रामपुरा फूल की यह पब्लिक लाइब्रेरी पिछले ढाई दशकों से ज्ञान का प्रकाश फैला रही है। समारोह के दौरान, बीबी गुरजीत कौर ने कहा कि अगर देश में कोई अच्छा कार्य किया जा सकता है तो वह इस लाइब्रेरी की स्थापना है। लाइब्रेरी में बच्चों को अपने गौरवशाली इतिहास को जानने का अवसर मिलेगा।

उन्होंने कहा कि शिक्षा का प्रचार-प्रसार हर सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए। केवल स्कूल खोलना ही पर्याप्त नहीं, बल्कि हर गांव, कस्बे और शहर में लाइब्रेरी स्थापित करना बेहद जरूरी है।
उन्होंने सरकार से अपील की कि ज्यादा से ज्यादा लाइब्रेरी बनाईं जाएं और उनमें योग्य लाइब्रेरियन नियुक्त करें। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफेसर चमन लाल ने लोगों को किताबें पढ़ने की आदत डालने के लिए प्रेरित किया।
प्रोफेसर चमन लाल ने कहा, “आज हम डिजिटल युग में रहते हैं, पर किताबों से जुड़ाव बनाए रखना जरूरी है। किताबों के बिना हम आगे नहीं बढ़ सकते।”
अध्यक्ष बलदेव सिंह सड़कनामा ने युवाओं में किताबों के प्रति उदासीनता पर चिंता जताई और कहा कि किताबें हमें न केवल हमारे इतिहास की जानकारी देती हैं, बल्कि वर्तमान और भविष्य को बेहतर बनाने में भी मदद करती हैं।
पब्लिक लाइब्रेरी के चेयरमैन योगेश सिंगला ने बताया कि यह लाइब्रेरी 1939 में स्थापित हुई थी। वर्तमान में यहां पंजाबी, हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में 17,894 किताबें उपलब्ध हैं, जबकि उर्दू भाषा में 1,900 से अधिक पुस्तकें हैं।
उन्होंने बताया कि शहीद भगत सिंह यादगारी हॉल के उद्घाटन समारोह में प्रोफेसर चमन लाल ने लाइब्रेरी को 2,400 पुस्तकें दान कीं।
इस कार्यक्रम में लाइब्रेरी के जनरल सेक्रेटरी कैलाश कौशिक, खजांची मेहर चंद बाहिया, पूर्व अध्यक्ष शिवचंद बांसल, सुनील बांसल, शशि सिंगला, कोमल सिंगला, उद्योगपति दीपक सराफ, भूषण बांसल, दीपक गोयल, के.एम. सिंगला और लाइब्रेरियन मीनाक्षी सहित कई बुद्धिजीवी और प्रतिष्ठित व्यक्ति मौजूद थे।
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MA
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