क्या आपको भी दूध पीते ही हो जाता है पेट में दर्द? तो हो जाएं 'अलर्ट', हो सकते हैं इस 'बीमारी' के शिकार!
Babushahi Bureau
नई दिल्ली, 5 नवंबर, 2025 : क्या आपको भी दूध, दही, पनीर या कोई भी डेयरी उत्पाद (dairy product) खाने के कुछ ही देर बाद पेट फूलने (bloating), गैस (gas) या दस्त (diarrhoea) जैसी पाचन संबंधी (digestive) दिक्कतें होने लगती हैं? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं। भारत समेत दुनिया की एक बड़ी आबादी इस समस्या से जूझ रही है, जिसे 'लैक्टोज इनटॉलरेंस' (Lactose Intolerance) यानी लैक्टोज असहिष्णुता कहते हैं।
क्या है यह 'लैक्टोज इनटॉलरेंस'?
1. लैक्टोज क्या है: लैक्टोज (Lactose) एक प्रकार की प्राकृतिक शुगर (sugar) है, जो पशुओं के दूध (जैसे गाय, भैंस, बकरी) और उससे बने उत्पादों में पाई जाती है।
2. लैक्टेज एंजाइम: हमारी छोटी आंत (small intestine) में 'लैक्टेज' (Lactase) नाम का एक एंजाइम (enzyme) होता है। इसका काम दूध में मौजूद इसी लैक्टोज को तोड़ना और पचाना (digest) है।
3. समस्या कब होती है: 'लैक्टोज इनटॉलरेंस' तब होती है, जब किसी व्यक्ति की छोटी आंत पर्याप्त मात्रा में लैक्टेज एंजाइम का उत्पादन नहीं कर पाती। (यह समस्या एशियाई, अफ्रीकी, मैक्सिकन और मूल अमेरिकी लोगों में सबसे आम है)।
लैक्टोज इनटॉलरेंस के 7 आम लक्षण (Symptoms)
अगर आप लैक्टोज असहिष्णु हैं, तो डेयरी उत्पाद खाने के कुछ ही मिनटों या घंटों के भीतर यह लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
1. पेट फूलना या गैस बनना (Bloating or Gas)
2. बार-बार डकार आना
3. पेट में दर्द या मरोड़ (Abdominal pain)
4. दस्त (Diarrhoea) या कब्ज (Constipation)
5. थकान (Fatigue) और सिरदर्द (Headache)
6. जोड़ों में दर्द (Joint pain)
7. ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
(नोट: अगर आपको दस्त, कब्ज, मल में रक्त (blood in stool) या तेजी से वजन कम (weight loss) होने की समस्या लंबे समय तक रहे, तो तुरंत गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट (gastroenterologist) से मिलें।)
ध्यान दें! यह 'फूड एलर्जी' नहीं है, वह जानलेवा है!
अक्सर लोग लैक्टोज इनटॉलरेंस को 'दूध से एलर्जी' (Milk Allergy) समझ लेते हैं, जबकि दोनों बिल्कुल अलग हैं और एलर्जी कहीं ज्यादा गंभीर (serious) व जानलेवा (life-threatening) हो सकती है।
1. इनटॉलरेंस (पाचन की समस्या): इसमें सिर्फ पाचन तंत्र (digestive system) प्रभावित होता है।
2. एलर्जी (इम्यून सिस्टम की समस्या): इसमें आपका इम्यून सिस्टम (immune system) दूध के प्रोटीन पर हमला करता है। इसके लक्षण तुरंत दिखते हैं:
2.1 होंठ, चेहरा, गला या जीभ का अचानक सूज (Swelling) जाना।
2.2 खुजली और छाले होना।
2.3 सांस लेने में कठिनाई या गले का जकड़ जाना।
2.4 त्वचा का नीला पड़ना।
2.5 चक्कर आना या बेहोशी।
(ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल जाना चाहिए, क्योंकि इससे मौत का खतरा हो सकता है।)
क्या है इसका इलाज? (What is the solution?)
1. कोई स्थायी इलाज नहीं: दुर्भाग्य से, लैक्टोज इनटॉलरेंस का कोई स्थायी इलाज (permanent cure) नहीं है। ऐसी कोई दवा नहीं है जो आपके शरीर को ज्यादा लैक्टेज एंजाइम बनाने में मदद कर सके।
2. लक्षणों को कैसे रोकें:
3. बचाव: सबसे आसान तरीका है लैक्टोज युक्त खाद्य पदार्थों (डेयरी उत्पाद) से बचना या उन्हें बहुत कम मात्रा में खाना।
3.1 लैक्टेज सप्लीमेंट्स: आप डेयरी उत्पाद खाने से ठीक पहले डॉक्टर की सलाह पर 'लैक्टेज सप्लीमेंट्स' (Lactase supplements) या गोलियां ले सकते हैं।
3.2 लैक्टोज-फ्री उत्पाद: बाजार में मिलने वाले 'लैक्टोज-फ्री दूध' (Lactose-free milk) और अन्य उत्पादों का सेवन करें (इनमें लैक्टेज एंजाइम पहले से मिला होता है)।
3.3 दही/हार्ड चीज़: हार्ड चीज़ (Hard cheese) और दही (Yogurt) में लैक्टोज की मात्रा बहुत कम होती है, इसलिए कई लोग इन्हें आसानी से पचा लेते हैं।
लैक्टोज किन चीजों में होता है? (Hidden Lactose)
यह सिर्फ दूध, दही, मक्खन, पनीर या आइसक्रीम में ही नहीं होता, बल्कि कई प्रोसेस्ड फूड (processed foods) में भी छिपा हो सकता है:
1. ब्रेड (Breads)
2. केक (Cakes), बिस्कुट (Biscuits) और पेस्ट्री (Pastries)
3. अनाज (Cereals)
4. सॉस (Sauces) और सलाद ड्रेसिंग (Salad dressings)
5. मिल्क शेक (Milkshakes) और प्रोटीन शेक (Protein shakes)
(एक खास कारण: कई लोगों में लैक्टोज इनटॉलरेंस का एक प्रमुख कारण 'सीलिएक रोग' (Celiac disease) भी होता है, जो छोटी आंत को कमजोर कर देता है।)
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