National Press Day: Shimla : प्रेस में पारदर्शिता को बढ़ावा देने से लोकतन्त्र जीवंत और जीवित रहेगाः राजेश धर्माणी
राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर शिमला में राज्यस्तरीय समारोह
Babushahi Bureau
शिमला, 16 नवम्बर, 2025 :
तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर आज यहां आयोजित राज्य स्तरीय समारोह के अवसर पर कहा कि यह दिन प्रेस की स्वतंत्रता और जिम्मेदारियों की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करने के साथ-साथ पारदर्शी समाज के निर्माण में प्रेस की जिम्मेदारी को रेखांकित करता है। लोकतन्त्र में प्रेस की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
प्रेस में पारदर्शिता को बढ़ावा देने से लोकतन्त्र जीवंत और जीवित रहेगा। उन्होंने कहा कि मीडिया की भूमिका सरकार तक जनता के महत्त्वपूर्ण मुद्दों को पहुंचाना है। मीडिया का काम समाज के वंचित वर्गों की आवाज को बुलंद करना है।
सूचना प्रौद्योगिकी के युग में मीडिया के समक्ष भी अनेक चुनौतियां आई हैं। एआई और डीप फेक जैसी तकनीकों के कारण भ्रामक सूचनाएं समाज में तीव्र गति से फैलती हैं और सही और गलत सूचनाओं का सीधा प्रभाव समाज पर पड़ता है। देश और समाज को दिशा देने में मीडिया महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार ने कल्याणकारी नीतियों और योजनाओं को शुरू किया है और जनहित के लिए अनेक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया वर्ग की यह जिम्मेदारी रहती है कि वह सरकार के जनहित में लिए गए निर्णयों को लोगों तक पहुंचाना सुनिश्चित करे।
समारोह में मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने कहा कि मीडिया, सरकार और जनता के मध्य सेतू का कार्य करता है। सरकार के जनहितैषी कार्यक्रमों को जनता तक पहुंचाना तथा आम जनता की प्रतिक्रिया को सरकार तक पहुंचाना मीडिया का दायित्व है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में तथ्य आधारित खबरों का प्रकाशन आवश्यक है। मीडिया को विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए आत्ममंथन की भी आवश्यकता है।
इससे पूर्व, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के पत्रकारिता विभाग एवं जन संचार विभाग के प्रो. शशिकांत शर्मा ने ‘बढ़ती भ्रामक सूचनाओं के बीच प्रेस की विश्वसनीयता का संरक्षण’ विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि ब्रेकिंग न्यूज की बाढ़ के कारण समाचारों की विश्वसनीयता पर संकट आ गया है। सोशल मीडिया और सूचना के अन्य माध्यमों के कारण पत्रकारिता क्षेत्र में अनेक परिवर्तन आए हैं। विश्व के कई देशों में ब्रेकिंग न्यूज की जगह स्लो न्यूज की मुहिम शुरू हुई है जिसका उद्देश्य सही जानकारी को विस्तार और तथ्यों सहित प्रस्तुत करना है। इसके बावजूद हमें सही सूचनाओं को तकनीक के माध्यम से लोगों तक पहुंचाना सुनिश्चित करना चाहिए। यह समय इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म को बढ़ावा देना है।
हिलपोस्ट के प्रधान संपादक रवींद्र मखैक ने कहा कि प्रेस परिषद ने इस सत्र में प्रेस की विश्वसनीयता पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है, लेकिन आमजन को आकलन करना कठिन है कि किस खबर पर विश्वास करें और किस खबर को फर्जी मानकर खारिज करें। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के इस युग में फर्जी खबरें तेजी से फैलती हैं, जिसका सीधा असर समाज पर पड़ता है। आज इन्फॉरमेशन और मिस इन्फॉरमेशन में भेद करना मुश्किल है। इसलिए मीडिया कर्मियों का दायित्व बनता है कि पत्रकारिता के मूल्यों को बनाए रखते हुए तथ्यों की जांच पड़ताल करने के बाद सही सूचनाएं लोगों तक पहुंचाई जाएं।
न्यूज-18 नेटवर्क के कंसल्टिंग एडिटर मुकेश राजपूत ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में सवाल पूछना अत्यंत जरूरी है। जनहित के लिए पूछे गए सवालों के जवाब जरूर मिलते हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को हिडन एजेंडा पर काम न करके लोगों से जुड़े मुद्दों पर काम करना चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार पी.सी. लोहमी ने संवाद सत्र के दौरान कहा कि आज के परिवेश में प्रेस की विश्वसनीयता के साथ-साथ चरित्र निर्माण भी अत्यंत आवश्यक है। पत्रकारों को निष्पक्षता व निडरता से बिना भेद-भाव व बिना लोभ-लालच के आम आदमी के हित की बात रखनी चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार अश्वनी शर्मा ने कहा कि पत्रकारिता में एक पक्षीय खबर न चलाकर दोनों पक्षों के ब्यान अनिवार्य है जिससे खबर व पत्रकारों की विश्वसनीयता बढ़ती है।
कार्यक्रम में निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क राजीव कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने अतिथियों को सम्मानित भी किया। उन्होंने सभी वक्ताओं और उपस्थित मीडिया कर्मियों का कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आभार व्यक्त किया और मीडिया कर्मियों को प्रेस दिवस की बधाई दी।
आकाशवाणी शिमला के क्षेत्रीय अध्यक्ष रितेश कपूर, विभिन्न मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधि और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थी उपस्थित थे। (SBP)
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