जेल भेजे गए पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर; जज के सामने फूट-फूटकर रोए, बोले- मेरी जान बचा लीजिए
Babushahi Bureau
देवरिया/लखनऊ, 12 दिसंबर, 2025: उत्तर प्रदेश के चर्चित पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर (Former IPS Amitabh Thakur) को पुलिस अधीक्षक पद पर रहते हुए धोखाधड़ी से पत्नी के नाम जमीन हड़पने के आरोप में बुधवार को जेल भेज दिया गया। देवरिया की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजू कुमारी की अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। हालांकि, कोर्ट रूम में एक बेहद भावुक दृश्य देखने को मिला। अपनी पेशी के दौरान पूर्व आईपीएस जज के सामने फूट-फूटकर रोने लगे और अपनी जान की गुहार लगाई।
"हुजूर... जेल में मेरी हत्या हो जाएगी"
जैसे ही अदालत ने उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया, अमिताभ ठाकुर अपना आपा खो बैठे और फफक कर रो पड़े। सीजेएम ने जब उन्हें ढांढस बंधाया, तो उन्होंने रोते हुए कहा, "हुजूर, जेल में मेरी हत्या हो जाएगी, मुझे बचा लीजिए। पता नहीं मैं कल जीवित बचूं या नहीं।" उन्होंने अदालत से अपनी बात लिखकर देने के लिए 45 मिनट का समय भी मांगा।
एनकाउंटर का जताया डर
अमिताभ ठाकुर ने कोर्ट को बताया कि उन्हें अपनी जान का खतरा है। उन्होंने कहा, "रास्ते में मुझे तीन जगह अलग-अलग गाड़ियों में शिफ्ट किया गया, जिससे मुझे आशंका हो गई थी कि मेरा एनकाउंटर हो सकता है।" उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने शाहजहांपुर रेलवे प्लेटफॉर्म से उन्हें सुरक्षा का हवाला देकर जबरन गाड़ी में बैठाया, उनका मोबाइल छीन लिया और इस दौरान उनका चश्मा भी टूट गया।
क्या है पूरा मामला?
लखनऊ के तालकटोरा निवासी संजय शर्मा ने 12 सितंबर 2025 को उच्चाधिकारियों को शिकायत भेजी थी। आरोप है कि 1999 में जब अमिताभ ठाकुर देवरिया में पुलिस अधीक्षक (SP) थे, तब उन्होंने सरकारी जमीन धोखे से अपनी पत्नी नूतन ठाकुर के नाम करवा ली थी।
दस्तावेजों में उन्होंने पत्नी का नाम 'नूतन देवी' और पति का नाम अपना असली नाम न लिखकर 'अजिताभ ठाकुर' लिखवाया था। बाद में उन्होंने इस प्लॉट को मोटी रकम लेकर बेच दिया, जबकि उन्हें इसे बेचने का अधिकार नहीं था।
इस मामले की एफआईआर देवरिया के कोतवाली थाने में दर्ज हुई थी, जिसकी जांच शासन के निर्देश पर एसआईटी लखनऊ (SIT Lucknow) को सौंपी गई थी।
वकील लेने से किया इनकार
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जब उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, तो जज ने उनसे पूछा कि क्या उन्हें कानूनी मदद के लिए वकील (Lawyer) चाहिए? इस पर पूर्व आईपीएस ने कहा, "मैं खुद सक्षम हूं, मुझे अभी किसी वकील की जरूरत नहीं है।"
हालांकि, जब कोर्ट ने पूछा कि क्या उन्हें गिरफ्तारी का कारण बताया गया है, तो उन्होंने 'नहीं' में जवाब दिया। इस पर वहां मौजूद विवेचक (जांच अधिकारी) घबरा गए। कोर्ट परिसर में भारी पुलिस बल तैनात रहा और वकीलों की भारी भीड़ जमा रही।
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