Manpreet Badal की बेटी की हुई सगाई: जम्मू-कश्मीर के 'शाही परिवार' की बनेगी बहू; जानिए कौन है दूल्हा?
Babushahi Bureau
चंडीगढ़/जम्मू, 15 December 2025 : पंजाब की राजनीति और जम्मू के ऐतिहासिक राजघराने के बीच एक नया और गहरा रिश्ता कायम हुआ है। भाजपा नेता और पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री (Former Finance Minister) मनप्रीत सिंह बादल (Manpreet Singh Badal) की बेटी रिया बादल की सगाई जम्मू-कश्मीर के शाही डोगरा परिवार में हो गई है।
रिया का रिश्ता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. करण सिंह के पोते और विक्रमादित्य सिंह के बेटे आर.के. मार्तंड सिंह के साथ हुआ है। इस सगाई की जानकारी खुद विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए साझा की है। इस रिश्ते के साथ ही पंजाब और जम्मू-कश्मीर के दो प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवारों का मिलन हुआ है।
विक्रमादित्य सिंह ने दी खुशखबरी
लड़के के पिता विक्रमादित्य सिंह ने फेसबुक पोस्ट के जरिए अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने लिखा, "माता रानी की कृपा से, हमें अपने बेटे आर.के. मार्तंड सिंह और सरदार व सरदारनी मनप्रीत सिंह बादल की बेटी रिया बादल की सगाई की घोषणा करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। हम दोनों बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए ढेर सारा प्यार और आशीर्वाद देते हैं।" इस घोषणा के बाद दोनों परिवारों को बधाई देने वालों का तांता लग गया है।
महाराजा हरि सिंह की चौथी पीढ़ी हैं मार्तंड
रिया बादल के मंगेतर आर.के. मार्तंड सिंह का ताल्लुक जम्मू-कश्मीर के इतिहास के सबसे अहम परिवार से है। वह डोगरा वंश के वारिस हैं। उनके परदादा महाराजा हरि सिंह जम्मू-कश्मीर रियासत के अंतिम शासक थे, जिन्होंने 1947 में राज्य के भारत में विलय में मुख्य भूमिका निभाई थी। मार्तंड के दादा डॉ. करण सिंह देश के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं, जो राज्यपाल, केंद्रीय मंत्री और राजदूत जैसे अहम पदों पर रह चुके हैं।
कौन हैं विक्रमादित्य सिंह? (Groom's Father)
विक्रमादित्य सिंह का राजनीतिक सफर काफी चर्चा में रहा है। वह जम्मू-कश्मीर विधान परिषद के पूर्व सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) से की थी, लेकिन 2017 में महाराजा हरि सिंह की जयंती पर छुट्टी के मुद्दे को लेकर इस्तीफा दे दिया।
इसके बाद वे कांग्रेस (Congress) में शामिल हुए और 2019 में उधमपुर से लोकसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन उन्हें हार मिली। 2022 में उन्होंने यह कहते हुए कांग्रेस छोड़ दी कि पार्टी जनता की भावनाओं को नहीं समझ पा रही है।
फिलहाल वह किसी दल में नहीं हैं और एक सफल होटल व्यवसायी (Hotelier) के रूप में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में 'तारागढ़ पैलेस होटल' संभाल रहे हैं।
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