MNREGA की जगह अब नया बिल लाने की तैयारी में सरकार, जानिए कैसे होगा ये पुराने वाले से अलग
Babushahi Bureau
नई दिल्ली, 15 दिसंबर (ANI): केंद्र सरकार ग्रामीण रोजगार की दिशा में एक ऐतिहासिक बदलाव करने जा रही है। बता दे कि सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) को बदलने और इसे नए सिरे से तैयार करने के लिए लोकसभा में 'विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल, 2025' (Viksit Bharat-GRAM G Bill) पेश करेगी।
इस नए विधेयक का उद्देश्य ग्रामीण विकास को 'विकसित भारत 2047' के विजन के साथ जोड़ना है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस बिल के पास होने पर ग्रामीण परिवारों को अब साल में 125 दिन सुनिश्चित रोजगार मिलेगा, जो पहले 100 दिन था।
'विकसित भारत' के लिए नया ढांचा
इस बिल के माध्यम से सरकार का लक्ष्य ग्रामीण भारत को सशक्त और समृद्ध बनाना है। बिल के तहत सार्वजनिक कार्यों को एक साथ जोड़कर 'विकसित भारत नेशनल रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर स्टैक' (Infrastructure Stack) तैयार किया जाएगा।
इसमें जल सुरक्षा, बुनियादी ढांचे और आजीविका से जुड़ी परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खेती के पीक सीजन) के दौरान खेतों में मजदूरों की कमी न हो, जो अक्सर किसानों की एक बड़ी समस्या रही है।
AI और GPS से रुकेगा भ्रष्टाचार
नए कानून में टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल किया जाएगा ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रहे। बिल में एक आधुनिक डिजिटल गवर्नेंस फ्रेमवर्क (Digital Governance Framework) अनिवार्य किया गया है। इसके तहत बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन (Biometric Authentication), जीपीएस (GPS) और मोबाइल-आधारित निगरानी की व्यवस्था होगी।
इतना ही नहीं, योजना बनाने, ऑडिटिंग और धोखाधड़ी को रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence - AI) टूल्स का उपयोग किया जाएगा। रियल-टाइम डैशबोर्ड के जरिए हर काम पर नजर रखी जाएगी।
PM गति शक्ति से जुड़ेंगे गांव
ग्रामीण विकास की योजनाओं को 'पीएम गति शक्ति' (PM Gati Shakti) और जियोस्पेशियल सिस्टम से जोड़ा जाएगा। इसके लिए जिला और राज्य स्तर पर प्लानिंग मैकेनिज्म तैयार होगा। बिल में 'विकसित ग्राम पंचायत प्लान' को संस्थागत बनाने का भी प्रावधान है, ताकि गांव के विकास का खाका बेहतर ढंग से खींचा जा सके।
क्यों पड़ी बदलाव की जरूरत?
बिल के मसौदे में कहा गया है कि पिछले दो दशकों में मनरेगा ने रोजगार की गारंटी दी है, लेकिन अब ग्रामीण भारत की जरूरतें बदल गई हैं। बेहतर कनेक्टिविटी, डिजिटल एक्सेस, वित्तीय समावेशन और सामाजिक सुरक्षा के लिए एक भविष्य-उन्मुख रणनीति की आवश्यकता है। यह बिल संसाधनों के निष्पक्ष वितरण और असमानता को कम करने पर जोर देता है।
इसे लागू करने के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर अलग-अलग काउंसिल और कमेटियां बनाई जाएंगी। यह कानून केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित तारीखों पर अलग-अलग राज्यों में चरणबद्ध तरीके से लागू होगा।
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