Ukraine और US अधिकारियों की Florida में हुई मीटिंग, क्या अब खत्म होगी Russia-Ukraine War?
Babushahi Bureau
फ्लोरिडा/वाशिंगटन, 29 नवंबर, 2025 : रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने की कोशिशों में एक बार फिर से तेजी आ गई है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने रविवार को फ्लोरिडा में यूक्रेनी अधिकारियों के साथ एक बेहद अहम और गोपनीय बैठक की। लगभग चार घंटे तक चली इस बैठक में प्रस्तावित 'शांति फ्रेमवर्क' के प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा हुई।
इस बीच, एक बड़ा अपडेट यह भी है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने संकेत दिया है कि वे अपना एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल इसी हफ्ते मॉस्को (Moscow) भेज रहे हैं, जहां रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से सीधी बातचीत होनी तय है।
4 घंटे तक चला मैराथन मंथन
अमेरिका और यूक्रेन के बीच हुई इस वार्ता का मुख्य उद्देश्य युद्ध समाप्त करने का रास्ता तलाशना था। बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो (Marco Rubio), विशेष दूत स्टीव विटकॉफ (Steve Witkoff) और राष्ट्रपति ट्रंप के दामाद जेरेड कुश्नर (Jared Kushner) शामिल थे।
बैठक के बाद मार्को रूबियो ने कहा कि बातचीत काफी उपयोगी रही, लेकिन अभी शांति समझौते तक पहुंचने के लिए काफी काम बाकी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मुद्दा सिर्फ लड़ाई रोकना नहीं है, बल्कि ऐसा समाधान ढूंढना है जिससे यूक्रेन की संप्रभुता और भविष्य सुरक्षित रहे।
यूक्रेन ने दिया सकारात्मक संकेत
यूक्रेन की ओर से सुरक्षा परिषद के प्रमुख रुस्तेम उमेरोव (Rustem Umerov) ने इस बैठक में हिस्सा लिया। उन्होंने अमेरिका के समर्थन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि वाशिंगटन उनकी बात सुन रहा है और पूरी तरह सहयोग कर रहा है। उमेरोव ने कहा, "हमारा लक्ष्य एक सुरक्षित और समृद्ध यूक्रेन है और इस दिशा में हम अमेरिका के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।"
भ्रष्टाचार के साये में हुई वार्ता
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब यूक्रेन घरेलू स्तर पर एक बड़े भ्रष्टाचार विवाद से जूझ रहा है। कुछ दिन पहले ही राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने अपने शक्तिशाली चीफ ऑफ स्टाफ आंद्रिय येर्माक (Andriy Yermak) का इस्तीफा स्वीकार किया था। येर्माक पर ऊर्जा सेक्टर में 100 मिलियन डॉलर के गबन (Embezzlement) के आरोप लगे थे, जिसके बाद जांच शुरू हो गई थी। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते जिनेवा (Geneva) में हुई मुलाकात में येर्माक ही मुख्य वार्ताकार थे, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं।