चंडीगढ़ प्रशासन ने मोटर व्हीकल एग्रीगेटर नियम 2025 किए लागू
कैब कंपनियों और डिजिटल ट्रांसपोर्ट सेवाओं पर आएगा नया कानून, 2017 और 2022 के पुराने नियम रद्द
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 24 जून 2025:
चंडीगढ़ प्रशासन के परिवहन विभाग ने “चंडीगढ़ मोटर व्हीकल एग्रीगेटर नियम, 2025” को अधिसूचित कर दिया है। यह अधिसूचना मोटर व्हीकल्स एक्ट 1988 और भारत सरकार द्वारा जारी मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस 2020 के तहत जारी की गई है। नए नियम तत्काल प्रभाव से लागू होंगे और ये पहले के वर्ष 2017 और 2022 के एग्रीगेटर नियमों की जगह लेंगे।
क्या हैं एग्रीगेटर नियम?
"एग्रीगेटर" से आशय ऐसे डिजिटल प्लेटफॉर्म से है जो सवारियों को ड्राइवरों से जोड़ता है — जैसे ओला, उबर और अन्य कैब ऐप्स। ये नियम एग्रीगेटर कंपनियों की कार्यप्रणाली, लाइसेंसिंग, किराया निर्धारण और डेटा पारदर्शिता से संबंधित हैं।
नए नियमों की मुख्य बातें:
नाम: इन्हें “चंडीगढ़ मोटर व्हीकल एग्रीगेटर नियम, 2025” कहा जाएगा।
लागू क्षेत्र: ये केवल चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश में लागू होंगे।
लागू तिथि: ये नियम आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होते ही लागू माने जाएंगे।
लाइसेंस अनिवार्य: अब सभी एग्रीगेटरों को चंडीगढ़ में काम करने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा।
एप्प की परिभाषा: ग्राहक और चालक के बीच की कड़ी बने डिजिटल ऐप या प्लेटफॉर्म को "एप्प" कहा गया है।
फीस व किराया: नियमों में लाइसेंस शुल्क और सवारी से वसूले जाने वाले किराये की परिभाषा स्पष्ट की गई है।
लाइसेंसिंग अथॉरिटी: चंडीगढ़ प्रशासन के परिवहन सचिव या प्राधिकृत अधिकारी को लाइसेंस जारी करने की जिम्मेदारी दी गई है।
इंडक्शन ट्रेनिंग: एग्रीगेटरों को अपने चालकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाना होगा।
प्रशासन का उद्देश्य:
नियमों के लागू होने का उद्देश्य चंडीगढ़ में डिजिटल ट्रांसपोर्ट सेवाओं को सुरक्षित, जवाबदेह और पारदर्शी बनाना है। इसके तहत किराया निर्धारण से लेकर ड्राइवर प्रशिक्षण, ग्राहक शिकायत निवारण और डेटा रिपोर्टिंग तक के मानक तय किए गए हैं।
क्या होगा असर:
ओला, उबर और अन्य ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट सेवाओं को अब नए लाइसेंस के तहत ही संचालन की अनुमति मिलेगी।
यात्रियों को सेवा की गुणवत्ता में सुधार और किराये की स्पष्टता मिलेगी।
प्रशासन को एग्रीगेटर सेवाओं पर नियंत्रण और निगरानी रखने में आसानी होगी।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि पुराने सभी नियम अब रद्द माने जाएंगे और सभी मौजूदा एग्रीगेटरों को नए नियमों के तहत पुनः पंजीकरण और लाइसेंसिंग करानी होगी।
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