सफलता की नई उड़ान: मोहाली के दो कैडेट भारतीय नौसेना में बने कमीशंड अधिकारी, पंजाब के मंत्री अमन अरोड़ा ने दी बधाई
रमेश गोयत
मोहाली/चंडीगढ़, 31 मई 2025।
महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी इंस्टीट्यूट (एमआरएसएएफपीआई) ने एक बार फिर अपनी सफलता की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए गौरवशाली इतिहास रचा है। इस संस्थान के दो होनहार कैडेट, महिंदर सिंह सेखों और विनय कौशिक, ने एझिमाला (केरल) स्थित प्रतिष्ठित इंडियन नेवल अकादमी (आईएनए) से पास आउट होकर भारतीय नौसेना में कमीशंड अधिकारी बनने का गौरव प्राप्त किया है।
शनिवार को आयोजित पासिंग आउट परेड का निरीक्षण वाइस एडमिरल वी. श्रीनिवास, एवीएसएम, एनएम, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, साउदर्न नेवल कमांड ने किया। इस दौरान देशभर से चयनित नौसेना के नए अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियां सौंपी गईं।
इस उपलब्धि की जानकारी देते हुए पंजाब के रोजगार सृजन, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण मंत्री अमन अरोड़ा ने दोनों नव नियुक्त अधिकारियों को बधाई दी और कहा,
"महिंदर सिंह सेखों और विनय कौशिक ने न केवल अपने परिवार का, बल्कि पंजाब और पूरे देश का नाम रोशन किया है। हम सबको उन पर गर्व है। उम्मीद है कि वे आने वाले समय में भी देश की सेवा में नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे।"
महिंदर सिंह सेखों की कहानी विशेष रूप से प्रेरणादायक है। बचपन में ही माता-पिता को खोने के बावजूद उन्होंने अपनी मेहनत और आत्मविश्वास के बल पर यह मुकाम हासिल किया। वहीं विनय कौशिक, जिनके पिता संजय कुमार ‘द ट्रिब्यून’ अखबार में सेक्शनल हेड हैं और माता रेखा शर्मा गृहिणी हैं, ने भी कठिन परिश्रम से अपने सपने को साकार किया।
संस्थान के निदेशक मेजर जनरल अजय एच. चौहान, वीएसएम (सेवानिवृत्त) ने बताया कि अब तक इस संस्थान के 172 कैडेट भारतीय सशस्त्र बलों में अधिकारी बन चुके हैं, जिनमें से 20 कैडेट भारतीय नौसेना में कमीशंड अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि हाल ही में संस्थान के कैडेट अर्शदीप सिंह ने एएफसीएटी की ऑल इंडिया मेरिट लिस्ट में तीसरा स्थान, जबकि करण कौशिक ने 71वां स्थान प्राप्त किया है। दोनों ही कैडेट्स को एयर फोर्स अकादमी से कॉल-अप लेटर मिलने की प्रतीक्षा है।
संस्थान की इस उपलब्धि पर पूरे मोहाली और पंजाब में खुशी की लहर है। महाराजा रणजीत सिंह प्रिपरेटरी इंस्टीट्यूट ने एक बार फिर साबित किया है कि समर्पण, अनुशासन और परिश्रम के साथ कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।
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