चंडीगढ़ प्रशासन के गलत फैसलों से डॉक्टरों का भविष्य अधर में, तीसरी काउंसलिंग को लेकर गहराया विवाद
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 1 जून 2025
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल सेक्टर-32, चंडीगढ़ में एमडी/एमएस पाठ्यक्रमों के लिए NEET-PG 2024 की तीसरी काउंसलिंग प्रक्रिया में हो रही अनियमितताएं और देरी अभ्यर्थियों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं। पहले ही दो राउंड (27 नवम्बर-2024 और 23 दिसम्बर 2024) पूरे हो चुके हैं, लेकिन तीसरे राउंड को प्रशासनिक कारणों का हवाला देते हुए बार-बार स्थगित किया जा रहा है। इससे न केवल उम्मीदवारों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है, बल्कि उनका भविष्य भी अधर में लटक गया है।
चंडीगढ़ प्रशासन ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय ( 29जनवरी 2025) और माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय (27 मई 2025) के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद काउंसलिंग प्रक्रिया में अनावश्यक जटिलताएं पैदा कर दी हैं। न्यायालयों ने यह स्पष्ट किया था कि चंडीगढ़ के यूटी पूल कोटा (18 सीटें) की रिक्त सीटें NEET-PG-2024 की अखिल भारतीय मेरिट के आधार पर भरी जानी चाहिए और संस्थागत वरीयता (आईपी) आरक्षण केवल राज्य कोटे की 50% सीटों या कुल सीटों के 25% तक ही सीमित रहेगा। इसके बावजूद चंडीगढ़ प्रशासन ने अदालत के निर्देशों की अनदेखी करते हुए यूटी पूल की सभी सीटों को आईपी श्रेणी में जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि 24-03-2025 को जब चंडीगढ़ प्रशासन ने स्पष्टीकरण याचिका दायर की थी, तब सर्वोच्च न्यायालय ने इसे खारिज करते हुए प्रशासन पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
फिर भी, 09 अप्रैल 2025 को GMCH-32 द्वारा जारी एक नोटिस में यूटी पूल की 18 सीटों को आईपी श्रेणी में स्थानांतरित कर देने की योजना बनाई गई, जिसके कारण राज्य कोटे की सभी 35 सीटों को केवल आईपी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित कर दिया गया। इससे उन उम्मीदवारों में आक्रोश फैल गया, जिन्होंने चंडीगढ़ में जन्म लिया, पले-बढ़े और यहां की स्कूलिंग (कक्षा 1 से 12 तक) पूरी की, लेकिन एमबीबीएस की डिग्री भारत के किसी अन्य कॉलेज से प्राप्त की है।
पीड़ित उम्मीदवारों का आरोप है कि चंडीगढ़ प्रशासन अदालत के आदेशों की अवमानना कर रहा है और न्यायालय के स्पष्ट निर्देशों को लागू करने में विफल रहा है। 27 मई 2025 के पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश में स्पष्ट कहा गया था कि चंडीगढ़ प्रशासन को यूटी पूल सीटों को अखिल भारतीय मेरिट के आधार पर भरना होगा, लेकिन प्रशासन अब भी नए दिशानिर्देश जारी करने में असमर्थ है।
यूटी पूल से संबंधित उम्मीदवारों का यह भी आरोप है कि प्रशासन फिर से अदालत से स्पष्टीकरण मांगने की तैयारी कर रहा है, जिससे उनकी नासमझी और लापरवाही उजागर होती है। इस देरी और भ्रम के चलते कई डॉक्टरों का करियर अधर में लटक गया है।
यूटी पूल के उम्मीदवारों की मांग है कि:
यूटी पूल की रिक्त 18 सीटें उन उम्मीदवारों से भरी जाएं, जो चंडीगढ़ में जन्मे-पले और यहीं स्कूलिंग पूरी की है, चाहे उन्होंने एमबीबीएस भारत के किसी भी मेडिकल कॉलेज से किया हो। प्रशासन अदालत के आदेशों का सम्मान करते हुए तुरंत तीसरी काउंसलिंग की तारीख घोषित करे और प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से संपन्न कराए।
पूर्व एसडीओ (सड़क एवं भवन), नगर निगम, चंडीगढ़, सुधीर कुमार नारंग (अब सेवानिवृत्त) ने कहा कि प्रशासन की यह कार्यप्रणाली न केवल न्यायालय की अवमानना है, बल्कि योग्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय भी है। प्रशासन को चाहिए कि वह जल्द से जल्द सही निर्णय लेकर योग्य उम्मीदवारों को उनका हक दिलाए।
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