हरियाणा में ‘ऑपरेशन शील्ड’ का सफल क्रियान्वयन, डॉ. सुमिता मिश्रा ने कंट्रोल रूम से संभाली कमान
रमेश गोयत
पंचकूला/चंडीगढ़, 31 मई –
हरियाणा में सुरक्षा और आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखने के लिए आज राज्यव्यापी ‘ऑपरेशन शील्ड’ का भव्य आयोजन किया गया। गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने पंचकूला स्थित राज्य आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र (एसईआरसी) से इस अभ्यास का नेतृत्व किया। गृह मंत्रालय, भारत सरकार के प्रत्यक्ष मार्गदर्शन में आयोजित इस ड्रिल में हवाई हमलों, ड्रोन हमलों और युद्धकालीन परिदृश्यों जैसे उच्च स्तरीय खतरों का रियल टाइम सिमुलेशन किया गया।
डॉ. सुमिता मिश्रा ने राज्य के सभी 22 जिलों के वॉर रूम से लाइव अपडेट प्राप्त किए और वास्तविक समय में परिचालन निर्देश जारी किए। उन्होंने इस अभ्यास को केवल एक इवेंट तक सीमित न मानने की बात कही, बल्कि इसे एक सतत प्रक्रिया और ‘संवेदनशील नागरिक सुरक्षा संस्कृति’ के रूप में विकसित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि "हमारी तैयारी महज एक ड्रिल नहीं, बल्कि हर नागरिक के सहयोग से एक मजबूत, सुरक्षित और लचीला हरियाणा बनाने की दिशा में प्रयास है।"
10 हजार नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों ने दिखाई ताकत
‘ऑपरेशन शील्ड’ की सबसे खास बात रही इसमें नागरिकों की व्यापक भागीदारी। लगभग 10,000 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों ने एनसीसी, एनवाईकेएस, होम गार्ड और एनएसएस के साथ मिलकर आपातकालीन प्रतिक्रिया कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई। यह हरियाणा के ‘जन भागीदारी मॉडल’ की अनूठी झलक थी, जिसमें सामुदायिक सुरक्षा को नागरिकों की सहभागिता के केंद्र में रखा गया।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि नागरिक सुरक्षा मास्टर प्रशिक्षकों को एनडीआरएफ और गृह मंत्रालय के विशेषज्ञों ने प्रशिक्षित किया, जो अब जिला स्तर पर और अधिक प्रशिक्षकों को तैयार करेंगे। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण नेटवर्क राज्य की आपदा प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होगा।
तकनीक और रणनीति का दमदार प्रदर्शन
जिला उपायुक्तों के नेतृत्व में गठित वॉर रूम्स ने सामरिक ब्रीफिंग की और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्वयंसेवकों की तैनाती सुनिश्चित की। अभ्यास में मॉक इवैक्यूएशन, फर्स्ट रिस्पॉन्डर की भूमिका में प्राथमिक उपचार और साइबर घटनाओं के प्रोटोकॉल का परीक्षण किया गया। ड्रोन, इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम और जीआईएस-आधारित संसाधन ट्रैकिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का भी प्रयोग किया गया।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि यह अभ्यास राज्य की तैयारियों की गहन समीक्षा के साथ ही भविष्य में सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने में भी मददगार साबित हुआ है।
अन्य राज्यों के लिए बनेगा मॉडल
डॉ. मिश्रा ने कहा, "जब नागरिकों को पहले प्रतिक्रिया देने वाले के रूप में सशक्त किया जाता है, तो समाज की लचीलापन क्षमता स्वाभाविक रूप से विकसित होती है।" उन्होंने कहा कि हरियाणा का यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण बनेगा। उन्होंने समन्वय, सतर्कता और साझा जिम्मेदारी की संस्कृति को बढ़ावा देने पर बल दिया।
इस अवसर पर गृह विभाग की सचिव गीता भारती, एडीजीपी हरदीप सिंह दून, विशेष सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन राहुल हुड्डा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
हरियाणा पुलिस का संदेश
डॉ. मिश्रा ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि "आपातकालीन स्थितियों में सजग और सतर्क रहें, अपने आसपास की गतिविधियों पर नजर रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें।"
हरियाणा सुरक्षित तभी, जब हर नागरिक जिम्मेदार बने।
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