Himachal Tribal Fest Rolin : किन्नौर में पारंपरिक उल्लास के साथ मनाया गया रोलिन (फुलैच) उत्सव, संस्कृति संरक्षण का संदेश
बाबूशाही ब्यूरो
किन्नौर, 18 नवंबर 2025 : किन्नौर का प्रसिद्ध रोलिन (फुलैच) उत्सव इस वर्ष भी पारंपरिक श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। पर्वतीय अंचल की प्राकृतिक सुंदरता के बीच मनाया जाने वाला यह उत्सव न केवल फूलों के खिलने का प्रतीक है, बल्कि किन्नौर की प्राचीन संस्कृति, आस्था और प्रकृति से गहरे जुड़ाव को भी दर्शाता है।
घाटियों में फूलों की मधुर सुगंध और पर्वतीय हवाओं में गूंजते देवगीतों के बीच स्थानीय लोग देवताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए पूजा-अर्चना, लोकनृत्य और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। समुदाय की एकजुटता और परंपराओं की निरंतरता इस उत्सव की मुख्य पहचान रही।
प्रदेश के युवा लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी अपने सोशल मीडिया पेज पर इस जनजातीय उत्सव की सुंदर तस्वीरें साझा की हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की संस्कृति, खासकर जनजातीय क्षेत्रों की परंपराओं को संरक्षित रखना आज की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। आधुनिकता की ओर बढ़ते समाज में अपनी लोककथाओं, आस्थाओं और रीति-रिवाजों को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना हर नागरिक का दायित्व है।
उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति, विकास और प्रशासन के हर क्षेत्र में सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण प्राथमिकता में होना चाहिए, क्योंकि यही हिमाचल की पहचान और स्वाभिमान है। परंपरा और युवाशक्ति के संगम को हिमाचल की सच्ची धरोहर बताते हुए उन्होंने कहा कि इसे सहेज कर रखना हमारा नैतिक और सामाजिक कर्तव्य है।
रोलिन उत्सव ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि प्राकृतिक धरोहर और सांस्कृतिक परंपराएं ही पर्वतीय समाज की आत्मा हैं, और इनका संरक्षण ही प्रदेश को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा। (SBP)
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