टैक्स रिटर्न भरने की डेडलाइन में राहत की अपील: सुखमिंदरपाल सिंह ग्रेवाल भूखड़ी कलां
चंडीगढ़, 18 सितम्बर 2025: राष्ट्रीय भाजपा नेता सुखमिंदरपाल सिंह ग्रेवाल भूखड़ी कलां ने कहा कि वह हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, आदरणीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी और वित्त मंत्रालय के दूरदर्शी नेतृत्व एवं हमारे महान राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए किए गए उनके अथक प्रयासों की हृदय से सराहना करते हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण, पारदर्शिता और सुशासन के प्रति उनका अटूट समर्पण असंख्य नागरिकों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। स्वयं उन्होंने भी केंद्र सरकार की हर पहल में मज़बूती से खड़े रहकर भारत की प्रगति के इस अभियान का समर्थन किया है।
ग्रेवाल ने बताया कि वैश्विक और घरेलू चुनौतियों के बावजूद केंद्र सरकार ने हमेशा आम नागरिक, पेशेवरों और संस्थाओं के कल्याण को अपनी नीतियों के केंद्र में रखा है। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण समय में देशभर के मेहनती पेशेवरों की आवाज़ को करुणा और समझदारी के साथ सुना जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि भारत भर के टैक्स प्रोफेशनल्स ने अद्भुत निष्ठा और जिम्मेदारी के साथ कार्य करते हुए, असाधारण दबाव के बीच भी नॉन-ऑडिट रिटर्न्स की फाइलिंग पूरी की है। फिर भी, टैक्स ऑडिट रिपोर्ट और आयकर रिटर्न की फाइलिंग की अंतिम तिथि को आगे न बढ़ाने के अंतिम क्षण के निर्णय ने उनके लिए गहरी चिंता और कठिनाई का वातावरण पैदा कर दिया है।
ग्रेवाल ने बताया कि वह अपने निकटतम शुभचिंतकों, टैक्स प्रोफेशनल्स और भारत भर के संगठनों की ओर से आदरणीय वित्त मंत्री से विनम्र, भावपूर्ण और ईमानदार अपील कर रहे हैं कि कृपया टैक्स ऑडिट रिपोर्ट और आयकर रिटर्न्स की फाइलिंग की अंतिम तिथि 30 सितम्बर 2025 से आगे बढ़ाने पर विचार करें।
उन्होंने कहा कि ऐसा विस्तार न केवल उन पेशेवरों को आवश्यक राहत प्रदान करेगा जो भारत की कर प्रणाली की रीढ़ हैं, बल्कि यह सरकार की उस करुणामयी छवि को भी सुदृढ़ करेगा जो अपने नागरिकों और पेशेवरों की गहराई से परवाह करती है।
ग्रेवाल ने जोड़ा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि आदरणीय वित्त मंत्री, जो अपनी संवेदनशीलता, निष्पक्षता और विवेकपूर्ण निर्णयों के लिए जानी जाती हैं, निश्चित रूप से ऐसा निर्णय लेंगी जो राष्ट्र और इसके मेहनतकश पेशेवरों के व्यापक हित में होगा।
ग्रेवाल ने कहा कि उनकी यह अपील आलोचना नहीं, बल्कि दिल से की गई प्रार्थनापूर्ण विनती है, जिसमें केंद्र सरकार, आम जनता, टैक्स प्रोफेशनल्स और संगठनों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए एक मज़बूत और समृद्ध भारत के निर्माण की साझा यात्रा को आगे बढ़ाने की भावना है।