हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: हरियाणा में सामाजिक और आर्थिक आधार पर दिए जा रहे 5 अतिरिक्त अंक अब अवैध
11 जून 2019 की अधिसूचना रद्द, नौकरी पाने वालों पर मंडराया संकट
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़। हरियाणा में सामाजिक और आर्थिक आधार पर सरकारी नौकरियों में मिलने वाले अतिरिक्त 5 अंकों पर संकट खड़ा हो गया है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुवार को इस संबंध में बड़ा फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार की 11 जून 2019 की अधिसूचना को रद्द कर दिया है। यह अधिसूचना युवाओं को सामाजिक एवं आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर नौकरी में 5 अतिरिक्त अंक देने की सुविधा देती थी।
यह फैसला जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस मीनाक्षी आई. मेहता की खंडपीठ ने सुनाया। कोर्ट में इस अधिसूचना को अभ्यर्थी मोनिका रमन सहित कई अन्य ने चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि यह अधिसूचना मेरिट प्रणाली के खिलाफ है और समान अवसर के अधिकार का उल्लंघन करती है।
हाईकोर्ट के वकील के अनुसार, अदालत ने माना कि यह नीति संविधान के मूल सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है और इससे अन्य उम्मीदवारों के अधिकार प्रभावित होते हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह इस फैसले के आलोक में भर्ती प्रक्रियाओं की समीक्षा करे।
इस फैसले के बाद वे अभ्यर्थी संकट में आ सकते हैं जिन्हें इन अतिरिक्त अंकों के आधार पर चयन मिला था। अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में अगला कदम क्या उठाती है – फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील या कोई नई नीति।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →