'अमेरिका करेगा तो हम भी करेंगे...', Putin ने दी चेतावनी! जानें पूरा मामला
Babushahi Bureau
मास्को/वाशिंगटन, 6 नवंबर, 2025 : दुनिया की दो सबसे बड़ी परमाणु शक्तियों, रूस (Russia) और अमेरिका (USA), के बीच परमाणु हथियारों को लेकर तनाव खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। बता दे कि ये सब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के उस बयान के बाद हुआ जिसमें उन्होंने अमेरिका द्वारा परमाणु परीक्षण (Nuclear Testing) फिर से शुरू करने का संकेत दिया था। अब इसी को लेकर रूस ने भी जवाबी कदम उठाने की तैयारी कर ली है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने बुधवार (5 नवंबर) को अपने शीर्ष सुरक्षा और रक्षा अधिकारियों को परमाणु परीक्षण शुरू करने की संभावनाओं पर एक विस्तृत प्रस्ताव (proposal) तैयार करने का आदेश दिया है।
"अगर US ने किया, तो हम भी करेंगे" - पुतिन
पुतिन ने बुधवार को अपनी सुरक्षा परिषद (Security Council) की बैठक में यह स्पष्ट कर दिया कि रूस अपनी सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा।
1. CTBT का पालन: उन्होंने कहा कि रूस ने हमेशा 'कॉम्प्रिहेंसिव न्यूक्लियर टेस्ट बैन ट्रीटी' (CTBT) (परमाणु परीक्षण पर रोक लगाने वाली अंतरराष्ट्रीय संधि) का कड़ाई से पालन किया है और सोवियत संघ (Soviet Union) के विघटन (1991) के बाद से कोई परीक्षण नहीं किया है।
2. चेतावनी: लेकिन, पुतिन ने साफ शब्दों में कहा, "अगर अमेरिका पहले ऐसा कदम उठाता है, तो रूस भी अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए वैसा ही कदम उठाएगा।"
3. "स्थिति खतरनाक": उन्होंने कहा कि ट्रंप के बयान ने अंतरराष्ट्रीय स्थिति (international situation) को "बेहद गंभीर और खतरनाक" बना दिया है।
रूसी सेना तैयार! 'Novaya Zemlya' साइट एक्टिव
पुतिन के आदेश के बाद, रूसी रक्षा मंत्रालय भी हरकत में आ गया है।
1. रक्षा मंत्री का बयान: रूस के रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलोउसॉव ने बताया कि आर्कटिक (Arctic) क्षेत्र में स्थित रूस का 'नोवाया जेमल्या' (Novaya Zemlya) परीक्षण स्थल (testing site) "बहुत कम समय में पूरी तरह सक्रिय" किया जा सकता है।
2. जवाबी तैयारी: उन्होंने कहा कि अमेरिका अपनी परमाणु क्षमताओं को मजबूत कर रहा है, इसलिए रूस को भी "पूर्ण पैमाने पर परीक्षण" (full-scale testing) की तैयारी करनी होगी।
US ने क्या कहा था, जिससे बढ़ा तनाव?
यह पूरा विवाद 30 अक्टूबर को ट्रंप द्वारा दिए गए एक बयान से शुरू हुआ था, जब उन्होंने रूस के हालिया 'पोसाइडन' (Poseidon) ड्रोन परीक्षणों का हवाला दिया था।
1. ट्रंप का बयान: ट्रंप ने कहा था कि रूस और चीन (China) परीक्षण कर रहे हैं, इसलिए अमेरिका को भी बराबरी के आधार पर परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करना चाहिए।
2. US का स्पष्टीकरण: हालांकि, ट्रंप के बयान से मची खलबली के बाद, अमेरिकी ऊर्जा मंत्री क्रिस राइट ने स्पष्ट (clarify) किया था कि इन "नए परीक्षणों" में वास्तविक न्यूक्लियर विस्फोट (nuclear explosions) शामिल नहीं होंगे।