हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने "दयालु योजना" में गलत तरीके से अस्वीकृत दावा मामले में मांगी रिपोर्ट
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 10 जुलाई 2025 – हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने “दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना (दयालु)” के अंतर्गत एक पात्र शिकायतकर्ता के दावे को अनुचित रूप से अस्वीकृत किए जाने के मामले में संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
शिकायतकर्ता ने आयोग को बताया कि उसके दिवंगत पिता की मृत्यु प्रमाण पत्र में दर्ज आयु परिवार पहचान पत्र में दर्ज आयु से मेल नहीं खाती थी, जिस कारण से योजना के अंतर्गत उसका दावा खारिज कर दिया गया। हालांकि, यह अंतर एक टाइपिंग त्रुटि थी, जिसे बाद में ठीक कर लिया गया था और संशोधित मृत्यु प्रमाण पत्र जमा कर दिया गया था। बावजूद इसके, संबंधित विभागों द्वारा दावा दोबारा नहीं खोला गया और न ही उस पर विचार किया गया।
आयोग के अध्यक्ष, माननीय न्यायमूर्ति ललित बत्रा ने इस मामले को गंभीर मानते हुए कहा कि ऐसी योजनाएं समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सामाजिक सुरक्षा देने के उद्देश्य से बनाई गई हैं। सही दस्तावेज़ प्रस्तुत करने के बावजूद दावे को नकारना योजना की भावना और दिशा-निर्देशों के विरुद्ध है।
आयोग के प्रोटोकॉल, सूचना व जनसंपर्क अधिकारी डॉक्टर पुनीत अरोड़ा ने बताया कि हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला उपायुक्त जींद, तथा हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास, योजना भवन, पंचकूला के प्रशासनिक अधिकारी से चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया जाए कि दस्तावेज़ सही किए जाने के बावजूद मामला पुनः क्यों नहीं खोला गया, योजना में पुनर्विचार की क्या व्यवस्था है, और भविष्य में ऐसी चूक से कैसे बचा जाएगा। इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 21 अगस्त 2025 निर्धारित की गई है।
साथ ही आयोग ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे शिकायतकर्ता के मामले की दोबारा गंभीरता से जांच करें, उसे उचित प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर दें और समयबद्ध तरीके से सहायता सुनिश्चित करें।
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