अरुणाचल के स्वास्थ्य मंत्री ने पीजीआई चंडीगढ़ का दौरा किया, राज्य में गुर्दा प्रत्यारोपण कार्यक्रम की स्थापना के लिए सहयोग मांगा
अरुणाचल प्रदेश में ट्रांसप्लांट सुविधाएं शुरू करने की दिशा में पीजीआईएमईआर के साथ साझेदारी को मिली नई गति
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 10 जुलाई: अरुणाचल प्रदेश में गुर्दा प्रत्यारोपण जैसी जीवनरक्षक चिकित्सा सेवाओं को विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए, राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बियुराम वाहगे ने बुधवार को एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने संस्थान से तकनीकी एवं शैक्षणिक सहयोग की मांग की ताकि राज्य में एक मजबूत और आत्मनिर्भर किडनी ट्रांसप्लांट प्रणाली स्थापित की जा सके।
मंत्री के साथ डॉ. मोहेश चाई (सलाहकार), डॉ. मोजी जिनी (निदेशक, टीआरआईएचएमएस नाहरलागुन) और डॉ. गोमी बसर (ओएसडी) भी मौजूद रहे। प्रतिनिधिमंडल का स्वागत पीजीआई के निदेशक प्रो. विवेक लाल सहित वरिष्ठ अधिकारियों व ट्रांसप्लांट विशेषज्ञों ने किया।
बैठक के दौरान यह उल्लेख किया गया कि यह दौरा अरुणाचल प्रदेश के दूसरे चिकित्सकीय प्रशिक्षण बैच के आगमन के साथ हुआ है, जो पीजीआई में गुर्दा प्रत्यारोपण सेवाओं में कौशल प्राप्त कर रहे हैं। इससे पूर्व एक बैच डॉक्टर्स और ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर्स का प्रशिक्षण पूरा कर चुका है, जिसने राज्य में क्षमताओं के विकास में नई ऊर्जा दी है।
मंत्री वाहगे ने अपने उद्बोधन में कहा, "मैं यहाँ आपके प्रति आभार व्यक्त करने आया हूँ। आपने हमें एक ऐसा कार्य शुरू करने में मदद दी है जिससे हमारे राज्य के अनेक जीवन बच सकेंगे। मरीजों को अब इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़े, यही हमारा लक्ष्य है। हम चाहते हैं कि पीजीआई जैसे प्रतिष्ठित संस्थान का मार्गदर्शन हमें प्राप्त होता रहे।"
पीजीआई निदेशक प्रो. विवेक लाल ने मंत्री के समर्पण की सराहना करते हुए कहा, मंत्री ने औपचारिकताओं से हटकर, वास्तविक व्यवस्थाओं को समझने में समय बिताया, यह प्रेरणादायक है। पीजीआई अरुणाचल प्रदेश को संरचित प्रशिक्षण, पर्यवेक्षक कार्यक्रम और नैदानिक सहयोग के माध्यम से हरसंभव सहयोग देगा।"
निदेशक ने यह भी बताया कि राज्य के डॉक्टरों के लिए प्रायोजित पोस्टग्रेजुएट कोर्स और शॉर्ट टर्म ऑब्जर्वरशिप जैसे विकल्प उपलब्ध हैं, जिससे उन्हें विशेषज्ञता हासिल करने में मदद मिलेगी।
इस यात्रा के साथ ही टीआरआईएचएमएस और पीजीआईएमईआर के बीच दीर्घकालिक तकनीकी साझेदारी और मजबूत हुई है, जिससे पूर्वोत्तर भारत में प्रत्यारोपण चिकित्सा को नई दिशा मिलेगी। यह सहयोग न केवल अरुणाचल के मरीजों को राज्य में ही जीवनरक्षक सेवाएं उपलब्ध कराने में सहायक होगा, बल्कि क्षेत्रीय स्वास्थ्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम भी साबित होगा।
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