हरियाणा मानवाधिकार आयोग के सचिव पद पर आईएएस अनीश यादव की योग्यता पर उठे सवाल
बाबू शाही ब्यूरो
पंचकूला/चंडीगढ़, 02 जून 2025
हरियाणा मानवाधिकार आयोग में सचिव पद पर तैनात 2014 बैच के आईएएस अधिकारी अनीश यादव की नियुक्ति पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। यह मामला अब हरियाणा मानवाधिकार आयोग के सदस्य दीप भाटिया के संज्ञान में आने के बाद मुख्य सचिव को कार्रवाई के निर्देश देने तक पहुंच गया है।
दरअसल, एडवोकेट हेमंत कुमार ने आयोग के चेयरमैन रिटायर्ड जस्टिस ललित बत्रा, सदस्य कुलदीप जैन और दीप भाटिया को एक विधिक अभ्यावेदन एवं ऑनलाइन शिकायत भेजकर आपत्ति जताई थी। हेमंत का कहना है कि मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 27(1)(ए) के अनुसार केवल राज्य सरकार के सचिव रैंक का अधिकारी ही राज्य मानवाधिकार आयोग का सचिव नियुक्त किया जा सकता है।
जबकि, अनीश यादव वर्तमान में विशेष सचिव रैंक में हैं और उन्हें 3 नवम्बर 2024 को हिसार का उपायुक्त, एचएसवीपी-हिसार का प्रशासक, अर्बन एस्टेट-हिसार का अतिरिक्त निदेशक तथा एक माह बाद 1 दिसम्बर 2024 को हरियाणा मानवाधिकार आयोग का सचिव बनाया गया। अनीश अब भी ये सभी पद संभाल रहे हैं। हेमंत का तर्क है कि चूंकि अनीश यादव अभी सचिव रैंक में प्रमोट नहीं हुए हैं, इसलिए वह आयोग के सचिव पद के लिए कानूनन पात्र नहीं हैं।
हेमंत ने कहा कि अनीश यादव का सचिव रैंक में प्रमोशन 2030 में होने की संभावना है और तब ही वे इस पद पर नियुक्ति के योग्य माने जा सकते हैं।
इस पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए आयोग के सदस्य दीप भाटिया ने प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस विषय पर उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
एडवोकेट हेमंत कुमार का कहना है कि
"आईएएस और एचसीएस अधिकारियों की नियुक्ति और तबादले का अधिकार राज्य सरकार के पास होता है, लेकिन अगर किसी कानून में किसी पद के लिए न्यूनतम योग्यता स्पष्ट रूप से निर्धारित की गई है, तो उसकी सख्ती से अनुपालना होनी चाहिए।"
फिलहाल, इस मामले पर सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार है, लेकिन आयोग के सदस्य द्वारा संज्ञान लिए जाने के बाद यह मुद्दा प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गया है।
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