Explainer : इतिहास के 5 सबसे बड़े भूकंप कौन से थे और रिक्टर स्केल पर हर नंबर का क्या मतलब होता है? जानें इस Report में
Babushahi Bureau
चंडीगढ़, 30 July 2025 : इंसान ने आसमान को छूती इमारतें बना लीं, समंदर का सीना चीर दिया और चांद तक पर अपने कदम रख दिए, लेकिन आज भी एक सच नहीं बदला है - जब धरती कांपती है, तो इंसान की सारी तरक्की बौनी नजर आती है। बुधवार की सुबह एक बार फिर इसी सच्चाई ने दुनिया को दहला दिया, जब प्रशांत महासागर की गहराइयों में एक महा-शक्तिशाली भूकंप ने 'जल प्रलय' की चेतावनी जारी कर दी।
8.8 की तीव्रता वाले इस भूकंप की तरंगें इतनी शक्तिशाली थीं कि जापान से लेकर अमेरिका तक दुनिया के सबसे ताकतवर देश हाई अलर्ट पर आ गए और समंदर किनारे बसे शहरों में खौफ पसर गया। इस वैश्विक खतरे का केंद्र था रूस का सुदूर पूर्वी कामचत्स्की प्रायद्वीप, जो दुनिया के सबसे खतरनाक भूकंपीय क्षेत्रों में से एक 'रिंग ऑफ फायर' पर स्थित है। इस भूकंप ने न केवल दशकों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, बल्कि इसने सुनामी की ऐसी विनाशकारी लहरों को जन्म दिया है जो कई देशों के लिए बड़ा खतरा बन गई हैं।
आइए जानते हैं इस महा-भूकंप और उसके बाद के मंडराते खतरे की पूरी कहानी।
जापान ने खाली कराया न्यूक्लियर प्लांट, अमेरिका में भी अलर्ट
भूकंप का केंद्र जमीन से केवल 19.3 किलोमीटर नीचे था, जिसे भू-वैज्ञानिक बेहद उथला मानते हैं और यही सुनामी के खतरे को कई गुना बढ़ा देता है। अमेरिकी सुनामी चेतावनी प्रणाली ने तुरंत अलर्ट जारी करते हुए बताया कि रूस के तटों और अमेरिका के हवाई द्वीपों पर 10 फीट तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं, जबकि जापान के लिए 3 मीटर (लगभग 9 फीट) की लहरों की चेतावनी जारी की गई है। 2011 में सुनामी से हुई फुकुशिमा परमाणु त्रासदी को याद करते हुए जापान ने बिना कोई देरी किए तुरंत फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को खाली करने का आदेश दे दिया।
रूस में दशकों का सबसे शक्तिशाली झटका, खाली कराए जा रहे शहर
रूस के कामचत्स्की के गवर्नर ने इसे दशकों का सबसे शक्तिशाली भूकंप बताया है। भूकंप के झटके इतने खतरनाक थे कि घरों के अंदर रखा सामान तेजी से हिलने लगा और आलमारियों से किताबें तक गिरने लगीं। सुनामी के खतरे को देखते हुए रूस के सखालिन क्षेत्र के तटीय शहरों से लोगों को ऊंचे स्थानों पर ले जाने का काम जारी है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, एक किंडरगार्टन की इमारत को नुकसान पहुंचा है, लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
कितनी तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक? (Explainer)
कितनी तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक?
आइए समझते हैं कि रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता का क्या मतलब होता है और यह कितना विनाशकारी हो सकता है।
1. 4.0 से 4.9: खिड़कियां टूट सकती हैं, दीवारों पर टंगी तस्वीरें गिर सकती हैं।
2. 5.0 से 5.9: फर्नीचर जैसा भारी सामान हिल सकता है, जान-माल का नुकसान हो सकता है।
3. 6.0 से 6.9: बड़ी इमारतों की नींव दरक सकती है, ऊपरी मंजिलें ढह सकती हैं।
4. 7.0 से 7.9: इमारतें ढह जाती हैं, जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं। (तुर्की-सीरिया में 7.8 तीव्रता के भूकंप ने 50,000 से ज्यादा जानें ली थीं)।
5. 8.0 से 8.9: शहर के शहर तबाह हो सकते हैं। बड़े-बड़े पुल और इमारतें ध्वस्त हो जाती हैं। विनाशकारी सुनामी का खतरा रहता है।
6. 9.0 या अधिक: पूरी धरती लहराती हुई महसूस होती है और महा-विनाशकारी सुनामी आती है।
इतिहास के 5 महा-भूकंप
1. चिली (1960): तीव्रता 9.5 (अब तक का सबसे शक्तिशाली रिकॉर्डेड भूकंप)।
2. अलास्का, अमेरिका (1964): तीव्रता 9.2।
3. सुमात्रा, इंडोनेशिया (2004): तीव्रता 9.1 (इसकी सुनामी से भारत समेत 14 देशों में 2.80 लाख से ज्यादा मौतें हुईं)।
4. तोहोकु, जापान (2011): तीव्रता 9.1 (जिससे फुकुशिमा परमाणु हादसा हुआ)।
5. कामचत्का, रूस (1952): तीव्रता 9.0।
फिलहाल, रूस से लेकर जापान और अमेरिका तक, प्रशांत महासागर के किनारे बसे करोड़ों लोगों की सांसें अटकी हुई हैं। सैटेलाइट, चेतावनी सिस्टम और बचाव दल सभी हाई अलर्ट पर हैं, लेकिन वे जानते हैं कि 8.8 की तीव्रता के आगे वे सिर्फ तैयारी कर सकते हैं, उसे रोक नहीं सकते। यह घटना एक रिमाइंडर है कि हमारी सारी तकनीक और तरक्की के बावजूद, हम आज भी प्रकृति की शक्ति के सामने बहुत छोटे हैं, और उसका सम्मान करना ही सबसे बड़ी बुद्धिमानी है।
MA
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