चंडीगढ़ नगर निगम बैठक में हंगामा, आउटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी और स्वच्छता रैंकिंग पर विपक्ष ने उठाए सवाल
भाजपा पार्षद भी हुए नाराज़, मेयर बबला ने विपक्ष पर बोला पलटवार
चंडीगढ़, 29 जुलाई 2025:
नगर निगम चंडीगढ़ की मासिक बैठक मंगलवार को तीखी बहस, आरोप-प्रत्यारोप और जबरदस्त हंगामे के बीच गुज़री। बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षदों ने मिलकर निगम अधिकारियों की कार्यप्रणाली, आउटसोर्स कर्मचारियों की लंबित सैलरी, स्वच्छता रैंकिंग और कम्युनिटी सेंटर्स के मुद्दे पर कड़े सवाल उठाए। खास बात यह रही कि भाजपा पार्षदों ने भी अधिकारियों की कार्यशैली पर असंतोष जताया और नगर निगम प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया।
"अफसर एसी में, कर्मचारी सैलरी को तरसते" – भाजपा पार्षद कंवर राणा
भाजपा के वरिष्ठ पार्षद कंवर राणा ने अधिकारियों पर सीधा निशाना साधते हुए कहा, "अफसर तो एसी कमरों में बैठकर पहली तारीख को तनख़्वाह ले लेते हैं, लेकिन सफाईकर्मी और आउटसोर्स कर्मचारी तीन-तीन महीने से वेतन के लिए तरस रहे हैं।" उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कर्मचारियों की मांगें नहीं मानी गईं तो सभी सफाईकर्मी हड़ताल पर चले जाएंगे, जिससे पूरा शहर ठप हो जाएगा। साथ ही उन्होंने कम्युनिटी सेंटर्स के रेट बढ़ाने की संभावना पर कहा कि यदि ऐसा हुआ तो वे अधिकारियों के घरों का घेराव करेंगे।
"भाजपा की कथनी-करनी में अंतर" – कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत गाबी
कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत गाबी ने भाजपा पर सीधा हमला करते हुए कहा कि "भाजपा सिर्फ बातें करती है, काम कुछ नहीं करती। सीवर कर्मचारी बिना वेतन के काम कर रहे हैं और नगर निगम में भ्रष्टाचार चरम पर है।" उन्होंने कम्युनिटी सेंटर्स में जिम की सुविधाओं को निजी हाथों में देने के फैसले की भी आलोचना की और उसे गरीबों के साथ अन्याय बताया।
"कूड़े के अंबार में कैसे मिली दूसरी रैंक?" – आप पार्षद प्रेमलता
आम आदमी पार्टी की पार्षद प्रेमलता ने स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग पर सवाल उठाते हुए कहा कि "जब शहर में हर गली-चौराहे पर कूड़े के ढेर लगे हैं, तब चंडीगढ़ को स्वच्छता में दूसरा स्थान कैसे मिल गया?" उन्होंने रैंकिंग के मापदंडों को सार्वजनिक करने की मांग की और कहा कि मेयर जनता को इसका स्पष्ट जवाब दें।
मेयर हरप्रीत बबला का जवाब, विपक्ष पर साधा निशाना
हंगामेदार बैठक के बाद मेयर हरप्रीत कौर बबला ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके छह महीने के कार्यकाल में निगम ने कई अहम उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि "विपक्ष बिना मुद्दे के हंगामा करता है और गंभीर बहस से बचता है।" उन्होंने यह भी कहा कि निगम के सभी विभागों को सुधार की दिशा में निर्देश दिए जा चुके हैं।
निगम की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल, समाधान की उम्मीद अधर में
सदन की इस बैठक में एक बार फिर स्पष्ट हो गया कि शहर के विकास, कर्मचारियों की हालत और जनसुविधाओं जैसे मुद्दे राजनैतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच दब जाते हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन और निगम अधिकारी इस तीखी बहस के बाद क्या ठोस कदम उठाते हैं या फिर यह बैठक भी महज़ एक रस्म अदायगी बनकर रह जाएगी।
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