चंडीगढ़ में ट्रैफिक चालानों को लेकर लोकसभा में गूंजा AI का मुद्दा, सांसद मनीष तिवारी ने उठाई आवाज
पिछले पांच वर्षों में करीब 30 लाख चालान, ₹221 करोड़ का जुर्माना, AI प्रणाली पर जताया जन असंतोष
नई दिल्ली/चंडीगढ़, 29 जुलाई 2025:
चंडीगढ़ में ट्रैफिक चालानों को लेकर चल रही बहस सोमवार को लोकसभा में भी गूंज उठी। चंडीगढ़ के सांसद श्री मनीष तिवारी ने लोकसभा में असतरांकित प्रश्न संख्या 1528 के तहत केंद्र सरकार से बीते पांच वर्षों में ट्रैफिक चालानों, AI आधारित चालान प्रणाली और इस पर जनता की आपत्तियों से जुड़ी जानकारी मांगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दिए गए विस्तृत जवाब में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए:
? पांच वर्षों में कुल 29,66,968 चालान जारी:
2020: 1,81,558
2021: 2,42,937
2022: 6,03,118
2023: 9,93,558
2024: 9,95,797
? कुल ₹221.36 करोड़ जुर्माना लगाया गया, जिसमें से केवल ₹119.15 करोड़ की वसूली हो सकी, जबकि ₹102.20 करोड़ अब भी बकाया हैं।
? AI आधारित चालानों में तेजी से बढ़ोतरी:
2022 में ITMS (इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) के तहत जारी चालान: 4,80,108
2023 में यह संख्या बढ़कर हो गई: 8,91,979
इस तेजी से वृद्धि ने नागरिकों के बीच नाराजगी और चिंता को जन्म दिया है।
केंद्र सरकार ने अपने जवाब में स्वीकार किया कि AI प्रणाली द्वारा जारी किए गए चालानों पर जनता की आपत्तियों को नियमित समीक्षा के लिए लिया जाता है। साथ ही, इन चालानों की मैन्युअल रूप से पुलिस कमांड एंड कंट्रोल सेंटर द्वारा दोबारा जांच की जाती है।
? सांसद मनीष तिवारी का बयान:
> “AI आधारित चालान प्रणाली को पारदर्शी और नागरिकों के अनुकूल बनाया जाना आवश्यक है। जब तकनीकी खामी या मामूली चूक के चलते आम जनता पर भारी जुर्माना लगाया जाता है, तो यह न्याय की भावना के विरुद्ध है। मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि इस प्रणाली की समग्र समीक्षा कर जनता को राहत देने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।”
इस विषय पर लोकसभा में हुई चर्चा के बाद अब नजर इस बात पर टिकी है कि क्या केंद्र सरकार AI आधारित ट्रैफिक निगरानी प्रणाली की समीक्षा कर नागरिकों को राहत देने की दिशा में कोई ठोस पहल करेगी।
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