Himachal Pradesh: Lakes and streams began to freeze : लाहौल–स्पीति में गिरा पारा, झीलें और नाले जमने लगे;
सड़कों पर बनी ब्लैक आइस, सफर हुआ खतरनाक, 12300 फुट पर दीपक ताल पूरी तरह से जमी
शशिभूषण पुरोहित
दारचा (लाहौल स्पीति), 13 नवंबर, 2025 :
हिमाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों में तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया है। ठंड बढ़ने के साथ ही लाहौल–स्पीति और कुल्लू जिले की 12 से 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित झीलें और झरने जमने लगे हैं। ट्रैकिंग प्रेमियों की पसंदीदा 14,190 फीट ऊंची चंद्रताल झील को पर्यटकों के लिए पहले ही बंद किया जा चुका है। अब सैलानी इसकी खूबसूरती का आनंद अगले साल ही ले सकेंगे। वहीं, 12300 फुट की ऊंचाई पर स्थित दीपक ताल भी वक्त से पहले ही जम गई है।
लाहौल घाटी की ढंखर झील (14,091 फीट), लेह मार्ग पर स्थित सूरजताल (15,840 फीट) और पट्टन घाटी की नीलकंठ झील (14,000 फीट) पर भी बर्फ जमनी शुरू हो गई है। हालांकि मनाली-लेह मार्ग अभी वाहनों के लिए खुला है और सेना सहित अन्य वाहन इस पर आवाजाही कर रहे हैं, लेकिन कड़ाके की ठंड के चलते सड़कों पर ब्लैक आइस बनने लगी है, जिससे सफर बेहद जोखिमभरा हो गया है।
मनाली, लाहौल और स्पीति में मौसम साफ होने के बावजूद सुबह-शाम की ठंड हड्डियां कंपा देने वाली है। रोहतांग दर्रे के पास स्थित दशोहर झील (14,290 फीट) और भृगु झील (14,100 फीट) भी पूरी तरह जम चुकी हैं।
लाहौल के स्थानीय निवासी सोमदेव, शेरू बाबा, दोरजे, टशी और पलजोर का कहना है कि पारा माइनस में जाने के बाद घाटी में “सर्दियों का आगाज” हो चुका है।
उपायुक्त लाहौल–स्पीति किरण भड़ाना ने बताया कि सड़कों पर बर्फ की परत जमने लगी है, जिससे यात्रा खतरनाक हो गई है। उन्होंने वाहन चालकों और यात्रियों से सुबह व देर शाम के समय यात्रा से बचने की अपील की है। प्रशासन ने एडवाइजरी जारी कर रात के समय सफर न करने की हिदायत दी है और पर्यटकों को ऊंचाई वाले इलाकों में जाने से परहेज करने की सलाह दी है।
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →