नेपाल के बाद France की सड़कों पर भी आग ही आग, भड़की हिंसा, सड़कों पर उतरे हजारों लोग!
Babushahi Bureau
पेरिस, 10 September 2025 : राजनीतिक अस्थिरता और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की नीतियों से नाराज फ्रांस की जनता का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा है। "ब्लॉक एवरीथिंग" (Bloquons tout) यानी "सब कुछ रोको" नाम के एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन ने बुधवार को पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया। राजधानी पेरिस से लेकर ल्योन, मार्सिले और नैनटेस जैसे बड़े शहरों तक, प्रदर्शनकारियों ने हाईवे जाम कर दिए, वाहनों में आग लगा दी और पुलिस के साथ सीधी झड़प की, जिससे फ्रांस में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया है।
क्यों भड़की है गुस्से की यह आग?
इस राष्ट्रव्यापी विद्रोह के पीछे दो मुख्य कारण हैं:
1. राजनीतिक अस्थिरता: सबसे तात्कालिक कारण (Immediate Trigger) एक साल के अंदर चौथे प्रधानमंत्री का बदला जाना है। हाल ही में प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू के संसद में विश्वास मत हारने के बाद, राष्ट्रपति मैक्रों ने अपने करीबी सहयोगी सेबास्टियन लेकोर्नू को देश का पांचवां प्रधानमंत्री नियुक्त किया । बार-बार हो रहे इस बदलाव से जनता में सरकार के प्रति अविश्वास और गुस्सा बढ़ गया है।
2. मैक्रों की नीतियों का विरोध: यह आंदोलन सिर्फ प्रधानमंत्री बदलने तक सीमित नहीं है। इसका असली कारण राष्ट्रपति मैक्रों की आर्थिक नीतियां, प्रस्तावित बजट कटौती (Austerity Measures) और आम जनता की मुश्किलों की अनदेखी है । प्रदर्शनकारियों का मानना है कि मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था (Political System) अब उनके लिए काम नहीं कर रही है।
"ब्लॉक एवरीथिंग": एक बेकाबू आंदोलन
यह आंदोलन 2018 के प्रसिद्ध "येलो वेस्ट" (Yellow Vest) विद्रोह की याद दिला रहा है, लेकिन यह उससे भी ज्यादा बिखरा हुआ और बिना किसी एक नेता के चल रहा है ।
1. सोशल मीडिया से शुरुआत: यह आंदोलन गर्मियों में सोशल मीडिया पर शुरू हुआ था। शुरुआत दक्षिणपंथी समूहों ने की, लेकिन जल्द ही वामपंथी और अति-वामपंथी गुट भी इसमें शामिल हो गए।
2. मकसद- देश को ठप करना: प्रदर्शनकारियों का एक ही मकसद है - देश की हर व्यवस्था को ठप कर देना, ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके।
पूरे फ्रांस में हिंसा और अराजकता
पूरे देश से हिंसा और चक्का जाम की खबरें आ रही हैं:
1. आगजनी और तोड़फोड़: पश्चिमी शहर रेनेस में एक बस को आग के हवाले कर दिया गया, जबकि टूलूज़ में एक केबल में आग लगने से ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई । पेरिस में भी कई जगह कचरे के डिब्बों और बैरिकेड्स में आग लगाई गई।
2. पुलिस से सीधी टक्कर: प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच कई जगहों पर सीधी झड़पें हुईं। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया।
3. गिरफ्तारियां: गृह मंत्री ब्रूनो रेटायो ने बताया कि 80,000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के बावजूद हालात तनावपूर्ण हैं। अब तक पेरिस में 132 समेत देशभर में 200 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है ।
यह आंदोलन फ्रांस के लिए एक गंभीर राजनीतिक संकट का संकेत है, जो राष्ट्रपति मैक्रों के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।
MA