चंडीगढ़ में "नक्शा" परियोजना को मिली रफ्तार, शहरी भूमि सर्वेक्षण की तैयारी में जुटा प्रशासन
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 9 जून 2025 — डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय भू-स्थानिक ज्ञान आधारित शहरी आवास भूमि सर्वेक्षण (नक्शा) परियोजना के पायलट कार्यान्वयन को लेकर सोमवार को उपायुक्त-सह-नोडल अधिकारी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राजस्व विभाग, शहरी नियोजन, नगर निगम और राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई सहित सभी प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया।
प्रारंभिक गतिविधियों में तेजी लाने पर जोर
बैठक में निर्णय लिया गया कि नक्शा परियोजना के तहत शहरी भूमि सर्वेक्षण की प्रारंभिक गतिविधियों को तेज़ी से लागू किया जाएगा। उपायुक्त ने परियोजना को निर्धारित समय सीमा में लागू करने के लिए तीन मुख्य कार्य बिंदुओं को प्राथमिकता दी:
1. फील्ड सर्वेक्षण टीमों का प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि 20 फील्ड सर्वेक्षण टीमों को शीघ्र प्रशिक्षित किया जाए। प्रशिक्षण में भू-स्थानिक उपकरणों की तकनीकी जानकारी, सर्वेक्षण प्रोटोकॉल और जन सहभागिता के दिशा-निर्देशों को शामिल किया जाएगा ताकि क्षेत्र में एकरूप और सटीक डेटा संग्रह सुनिश्चित किया जा सके।
2. औपचारिक अधिसूचना और टीमों की तैनाती
सर्वेक्षण प्रारंभ करने के लिए औपचारिक अधिसूचना जल्द जारी की जाएगी, जिसमें सर्वेक्षण क्षेत्रों की स्पष्ट सीमाएं भी दर्शाई जाएंगी। साथ ही फील्ड टीमों का गठन और तैनाती की जाएगी। इसके अतिरिक्त, अपीलीय प्राधिकरणों की नियुक्ति की जाएगी ताकि जन शिकायतों और विवादों का पारदर्शी समाधान सुनिश्चित किया जा सके।
3. आधारभूत मानचित्रों का अधिग्रहण और जीआईएस एकीकरण
पांच चिन्हित गांवों — सारंगपुर, बुरैल, कजहेरी, पलसोरा और अटावा — की मौजूदा कैडस्ट्रल योजनाएं, तथा सेक्टर 2 से 17 (सेक्टर 13 को छोड़कर) की लेआउट योजनाएं संबंधित विभागों से इकट्ठा की जाएंगी। इन नक्शों को स्कैन कर भू-संदर्भित किया जाएगा और -संगत डिजिटल परतों के रूप में तैयार किया जाएगा।
परियोजना के व्यापक प्रभाव
उपायुक्त ने इस अवसर पर कहा कि नक्शा परियोजना का सफल कार्यान्वयन चंडीगढ़ में पारदर्शी, नागरिक-अनुकूल और विवाद-मुक्त शहरी भूमि प्रबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा। इससे संपत्ति विवादों में कमी, बुनियादी ढांचे की योजनाओं में सुधार और शहरी स्थानीय निकायों द्वारा बेहतर सेवा वितरण सुनिश्चित हो सकेगा।
नक्शा परियोजना न केवल चंडीगढ़ के लिए बल्कि पूरे देश के लिए भूमि प्रबंधन में पारदर्शिता और तकनीकी एकीकरण का उदाहरण बनेगी। सभी विभागों को आपसी समन्वय और निर्धारित समयसीमा में कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
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