Kinnaur-Indo-Tibet Trade : तिब्बत से फिर व्यापार करना चाहते हैं किन्नौर के लोग, कोरोना के बाद से बंद है कारोबार
भारत से 36 वस्तुएं खरीदता था तिब्बत, दोनों देशों की आर्थिकी पर असर
बाबूशाही ब्यूरो
शिमला, 11 जून 2025 : सालों से भारत और तिब्बत के बीच चल रहा व्यापार कोरोना समय में बंद हो गया। इसके बंद होने से न केवल तिब्बत में रहने वाले लोगों की आर्थिकी पर इसका असर पड़ा, बल्कि हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिला के लोगों पर भी विपरीत असर पड़ा है।
कोविड काल से बंद पड़े इस व्यापार को एक बार फिर शुरू करने की मांग उठी है। यह मांग इसलिए उठी, क्योंकि अब सरकार ने शिपकी-ला के जरिए बॉर्डर टूरिज्म का रास्ता खोल दिया है। ऐसे में यहां के लोग दोबारा से व्यापार शुरू करने की मांग उठाने लगे हैं। मंगलवार को शिपकी-ला में मुख्यमंत्री के सामने इन लोगों ने अपनी मांग को उठाते हुए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने को कहा। इस पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने भी हामी भरी है और वह खुद प्रधानमंत्री मोदी से ही संबंध में बात करेंगे।
किन्नौर-इंडो-चाइना ट्रेड एसोसिएशन वाया शिपकी-ला नामक इस संगठन के अध्यक्ष हिस्से नेगी ने कहा कि उनके परिवार के लोग और आसपास में रहने वाले बड़ी संख्या में पुराने लोगों का एक बड़ा व्यापार तिब्बत के साथ चल रहा था। सालों से हिमाचल प्रदेश की तरफ से तिब्बत को कुल 36 वस्तुएं निर्यात की जाती थीं और तिब्बत से वह लोग 20 वस्तुएं आयात करते थे।
उनका कहना है कि एक बार फिर से सरकार यहां के लोगों को आपस में इस तरह का व्यापार करने की छूट प्रदान करे।
पहाड़ों को लांघती शिपकी-ला तक पहुंची एचआरटीसी बस
शिप्की-ला । पहाड़ों को चीरकर बनाई सड़कों पर सरपट दौड़ने वाली एचआरटीसी ने एक और बड़ा कारनामा किया है। मंगलवार को चीन बॉर्डर के नजदीक शिपकी-ला में एचआरटीसी बस सवारियां लेकर पहुंची। (SBP)
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