हरियाणा सरकार की सख्त कार्रवाई – सिंचाई विभाग में भ्रष्टाचार और लापरवाही पर नायब सरकार का करारा प्रहार
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 11 जून 2025:
हरियाणा सरकार ने सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए सिंचाई विभाग में एक बड़ी कार्रवाई की है। यह कार्रवाई राज्य की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी की सिफारिश पर की गई, जिसके तहत विभाग के करीब 70 अधिकारियों को चार्जशीट किया गया है।
सरकार के इस फैसले ने पूरे प्रशासनिक महकमे में हलचल मचा दी है और यह स्पष्ट कर दिया है कि अब गुणवत्ता और जवाबदेही से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
? क्या है मामला?
सिंचाई विभाग द्वारा विभिन्न जिलों में कराए गए नहरों, बांधों और अन्य सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण कार्यों में उपयोग की गई सामग्रियों के सैंपल लिए गए थे। इन सैंपलों को विभागीय प्रयोगशालाओं में जांचा गया, जिसमें यह सामने आया कि बड़ी संख्या में सैंपल गुणवत्ता परीक्षण में फेल हो गए।
इससे स्पष्ट हुआ कि निर्माण कार्यों में या तो घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया या फिर निर्माण प्रक्रिया में लापरवाही बरती गई। इसके पीछे संभावित भ्रष्टाचार और ठेकेदारों से मिलीभगत की भी आशंका जताई गई।
?? मंत्री श्रुति चौधरी का कड़ा रुख
जैसे ही यह रिपोर्ट सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी तक पहुंची, उन्होंने तत्काल प्रभाव से जांच के आदेश दिए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की। मुख्यमंत्री कार्यालय से हरी झंडी मिलने के बाद विभागीय अनुशासनात्मक इकाई ने कड़ी कार्रवाई करते हुए निम्न अधिकारियों को चार्जशीट किया:
? चार्जशीट किए गए अधिकारी
JE (जूनियर इंजीनियर), SDO (सब डिविजनल ऑफिसर), XEN (एक्जीक्यूटिव इंजीनियर):
➤ इन अधिकारियों को रूल 7 के तहत चार्जशीट किया गया है, जो कि सिविल सर्विस रूल्स के तहत गंभीर अनुशासनात्मक कार्रवाई का आधार होता है।
7–8 SE (सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर):
➤ इनके खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। इनमें से कुछ को कारण बताओ नोटिस भी भेजा गया है।
2 चीफ इंजीनियर:
➤ विभाग के शीर्ष अधिकारियों में शामिल इन दो चीफ इंजीनियर्स के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की गई है। इनके खिलाफ सतर्कता जांच और सेवा रिकॉर्ड की पुन: समीक्षा की जा रही है।
सरकार का स्पष्ट संदेश
राज्य सरकार ने इस कार्रवाई के जरिए एक स्पष्ट संदेश दिया है कि "भ्रष्टाचार, लापरवाही और गुणवत्ता में कमी" अब किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
“निर्माण कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। जो भी अधिकारी जिम्मेदार होंगे, उन पर सख्त कार्रवाई तय है।” – राज्य सरकार के प्रवक्ता
आगे की प्रक्रिया
दोषी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच जल्द पूरी की जाएगी
जिन परियोजनाओं में गुणवत्ता की गड़बड़ियां पाई गईं हैं, उनकी पुन: जांच और ऑडिट किया जाएगा
ठेकेदारों की भूमिका की भी जांच चल रही है और दोषी पाए जाने पर ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है
सरकार थर्ड पार्टी ऑडिट सिस्टम को और मजबूत करने की दिशा में भी काम कर रही है
जनता का भरोसा बहाल करने की कोशिश
इस कार्रवाई को प्रदेश सरकार की 'जीरो टॉलरेंस टू करप्शन' नीति की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है। राज्य में पहले भी विभिन्न विभागों में गड़बड़ियों को लेकर कार्रवाई हुई है, लेकिन इतने बड़े स्तर पर इंजीनियरिंग स्टाफ के खिलाफ एक साथ इतनी बड़ी कार्रवाई पहली बार देखने को मिली है।
हरियाणा सरकार की यह कार्रवाई विभागों में पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी की ओर एक मजबूत कदम है। इससे न केवल भ्रष्टाचारियों में भय का वातावरण बनेगा, बल्कि ईमानदार अधिकारियों को भी मजबूती मिलेगी।
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