चंडीगढ़ में साइकिल पार्किंग होगी मुफ्त? सेकंड इनिंग्स एसोसिएशन ने प्रशासन से की बड़ी मांग;
पर्यटन स्थलों, मॉल, और ऑफिस परिसरों में साइकिल स्टैंड चिन्हित करने का प्रस्ताव
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 7 जून 2025:
देशभर में अपनी हरियाली, खुली जगहों और सुव्यवस्थित साइकिल ट्रैकों के लिए पहचाना जाने वाला चंडीगढ़ एक बार फिर साइकिलिंग के मुद्दे पर चर्चा में है। शहर की नागरिक संस्था सेकंड इनिंग्स एसोसिएशन ने प्रशासन से आग्रह किया है कि चंडीगढ़ में साइकिल पार्किंग को पूरी तरह निःशुल्क किया जाए और पर्यटन स्थलों, कार्यालयों व प्रमुख बाजारों में साइकिल स्टैंड तय किए जाएं।
एसोसिएशन के अध्यक्ष आर. के. गर्ग द्वारा प्रशासन को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि चंडीगढ़ के पास आज 200 किलोमीटर से अधिक साइकिल ट्रैक और स्मार्ट साइकिल हब हैं, जो शहर की पर्यावरण मित्र छवि को दर्शाते हैं। लेकिन हाल ही में सामने आई एक छोटी सी असंगति इस छवि पर सवाल खड़े कर रही है।
रॉक गार्डन पर लिया जा रहा है साइकिल पार्किंग शुल्क
एसोसिएशन के मुताबिक, रॉक गार्डन के सामने साइकिल पार्किंग के लिए प्रति ट्रिप ₹5 और कई ट्रिप के लिए ₹10 शुल्क वसूला जा रहा है। यह व्यवस्था 2022 से या उससे पहले से लागू है और ठेकेदार द्वारा संचालित की जा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब प्रशासन खुद चंडीगढ़ को 'साइकिल फ्रेंडली' शहर बनाने की दिशा में प्रयास कर रहा है, तो फिर पर्यावरण हितैषी परिवहन साधन का उपयोग करने वाले नागरिकों से शुल्क क्यों लिया जा रहा है?
एसोसिएशन ने उठाई ये मांगें:
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चंडीगढ़ शहर में सभी स्थानों पर साइकिल पार्किंग निःशुल्क की जाए।
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सभी प्रमुख पर्यटक स्थलों जैसे रॉक गार्डन, सुखना लेक, रोज गार्डन, आदि पर साइकिल स्टैंड तय किए जाएं।
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यूटी सचिवालय, एमसी कार्यालय, सीएचबी ऑफिस, शैक्षणिक संस्थानों, मॉल और प्रमुख बाजारों में कर्मचारियों और आम नागरिकों के लिए सुरक्षित और मुफ्त साइकिल पार्किंग की व्यवस्था हो।
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जहां संभव हो, वहां साइकिल के साथ हेलमेट सुरक्षित रखने की भी व्यवस्था हो।
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साइकिल पार्किंग को निःशुल्क बनाए रखने की शर्त भविष्य में किसी भी पार्किंग टेंडर या अनुबंध में शामिल की जाए।
विदेशों से ली प्रेरणा
एसोसिएशन ने इस दिशा में विदेशों के कार्यालय परिसरों में अपनाई गई नीतियों का हवाला देते हुए कहा कि साइकिलिंग को बढ़ावा देने के लिए दुनियाभर के देश अपने स्तर पर सुविधाएं दे रहे हैं और चंडीगढ़ जैसे स्मार्ट शहर को इस मामले में नेतृत्व करना चाहिए।
“हर नागरिक साइकिल का दूत बने”
आर.के. गर्ग ने कहा कि “आज जब पर्यावरण संकट और ट्रैफिक की समस्याएं बढ़ रही हैं, तो साइकिलिंग एक व्यवहारिक और जरूरी समाधान है। अगर हम वास्तव में साइकिलिंग को बढ़ावा देना चाहते हैं, तो हमें नागरिकों को हर कदम पर सहयोग देना होगा — उसमें सबसे पहली आवश्यकता है मुफ्त, सुरक्षित और सुलभ साइकिल पार्किंग।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब देखने वाली बात होगी कि यूटी प्रशासन और नगर निगम इस मांग पर क्या रुख अपनाते हैं। क्या चंडीगढ़ एक बार फिर पर्यावरण जागरूकता की दिशा में मिसाल कायम करेगा?
यदि आप भी साइकिलिंग के समर्थन में अपनी राय देना चाहते हैं या किसी क्षेत्र में साइकिल पार्किंग की परेशानी झेल रहे हैं, तो अपनी प्रतिक्रिया सेकंड इनिंग्स एसोसिएशन या नगर निगम चंडीगढ़ के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा करें।
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