सुबह उठकर 'अंगड़ाई' लेना क्यों है ज़रूरी? जानें यह 1 आदत कैसे आपको दिनभर रखती है Energetic
Babushahi Bureau
चंडीगढ़, 13 अगस्त 2025 : अक्सर जब हम किसी को सुबह-सुबह या दिन में भी अंगड़ाई लेते देखते हैं, तो हमारे मन में पहला ख्याल यही आता है कि वह व्यक्ति आलसी है या उसे नींद आ रही है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह एक साधारण सी लगने वाली क्रिया आपके शरीर के लिए कितनी फायदेमंद हो सकती है? विज्ञान की नज़र में देखें तो अंगड़ाई लेना आलस की निशानी नहीं, बल्कि शरीर को एक नए दिन के लिए तैयार करने का एक बेहद ज़रूरी और प्राकृतिक तरीका है। यह एक ऐसी आदत है जो बिना किसी खर्च के आपको दिनभर तरोताज़ा और ऊर्जावान बनाए रख सकती है।
यह महज़ एक शारीरिक क्रिया नहीं है, बल्कि आपके नर्वस सिस्टम का एक ऑटोमेटिक रिस्पॉन्स है। जब आप सोकर उठते हैं, तो आपका शरीर आराम की अवस्था से बाहर आता है। इस समय मांसपेशियां और जोड़ अकड़े हुए होते हैं। अंगड़ाई लेना शरीर का वो पहला सिग्नल है जो बताता है कि अब 'एक्शन मोड' में आने का समय हो गया है। यह आपके दिमाग को संदेश भेजता है कि शरीर को जगाया जाए और दिनभर की चुनौतियों के लिए तैयार किया जाए।
क्या है अंगड़ाई के पीछे का विज्ञान?
जब हम सोते हैं, तो हमारी मांसपेशियां लगभग निष्क्रिय रहती हैं और हृदय की गति भी धीमी हो जाती है। इससे शरीर में रक्त का प्रवाह यानी ब्लड सर्कुलेशन भी कम हो जाता है। सुबह जब हम अंगड़ाई लेते हैं, तो हम अपनी मांसपेशियों को खींचते हैं। इस खिंचाव से मांसपेशियों में तुरंत रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है और ऑक्सीजन की सप्लाई तेज़ हो जाती है। यह प्रक्रिया ठीक वैसी ही है जैसे किसी रुकी हुई मशीन को स्टार्ट करने के लिए हल्का सा हिलाना पड़ता है।
इसके अलावा, अंगड़ाई लेने से हमारी रीढ़ की हड्डी को भी आराम मिलता है। रात भर एक ही पोजिशन में सोने से रीढ़ की हड्डी और उसकी डिस्क पर दबाव बनता है। जब आप अंगड़ाई लेते हुए अपने शरीर को खींचते हैं, तो यह दबाव कम होता है और रीढ़ की हड्डी अपनी प्राकृतिक अवस्था में वापस आ जाती है। यह छोटी सी आदत लंबे समय में आपको कमर दर्द और जोड़ों की समस्याओं से बचा सकती है।
आम आदमी को इससे क्या फायदे हैं?
1. तुरंत एनर्जी: यह शरीर को जगाने का सबसे तेज़ तरीका है। इससे ब्लड फ्लो बढ़ता है और आप तुरंत फ्रेश महसूस करते हैं।
2. तनाव में कमी: अंगड़ाई लेने से शरीर में एंडोर्फिन जैसे 'फील-गुड' हार्मोन रिलीज होते हैं, जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद करते हैं।
3. बेहतर लचीलापन: यह मांसपेशियों की अकड़न को दूर कर शरीर के लचीलेपन को बढ़ाता है, जिससे चोट लगने का खतरा कम होता है।
4. बेहतर पोस्चर: यह रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने में मदद करता है, जिससे आपका बॉडी पोस्चर सुधरता है।
तो अगली बार जब आप खुद को या किसी और को अंगड़ाई लेते हुए देखें, तो उसे आलस समझने की भूल न करें। यह एक सहज और वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित क्रिया है जो आपके शरीर और दिमाग दोनों के लिए ज़रूरी है। अपनी सुबह की दिनचर्या में सचेत रूप से 15-20 सेकंड की एक अच्छी अंगड़ाई को शामिल करें और आप पाएंगे कि आपका पूरा दिन पहले से कहीं ज़्यादा ऊर्जावान और सकारात्मक बीत रहा है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। यदि आपको मांसपेशियों या जोड़ों से संबंधित कोई गंभीर समस्या है, तो कोई भी नई आदत शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।