लोगों की ओपिनियन लेकर फिर पास होगा बेअदबी विरोधी बिल.. CM ने खुद बताई सरकार की इच्छा
Babushahi Bureau
चंडीगढ़. पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के अंतिम दिन बड़ा फैसला हुआ। पवित्र ग्रंथों की बेअदबी पर सख्त सज़ा के प्रस्तावित बिल को पास करने की बजाय सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का फैसला लिया गया है। इस कमेटी का गठन विधानसभा स्पीकर करेंगे और इसे 6 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।
सरकार ने कहा है कि इस दौरान प्रदेश की धार्मिक संस्थाओं, आम नागरिकों और विशेषज्ञों से राय लेकर बिल में जरूरी सुधार और सुझाव शामिल किए जाएंगे। इसके बाद ही बिल को अंतिम रूप दिया जाएगा।
CM मान का बड़ा बयान– "शब्द गुरु से बड़ा नहीं, बेअदबी सबसे बड़ा जुर्म"
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विधानसभा में बिल पर चर्चा के दौरान कहा, "श्री गुरु ग्रंथ साहिब हमारे लिए जीवित स्वरूप हैं। शब्द कभी भी गुरु से बड़ा नहीं हो सकता। पंजाब ने जिन-जिन घटनाओं में बेअदबी देखी है, वे दिल को झकझोर देने वाली हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून की जरूरत है।" उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ एक कानून नहीं, बल्कि पीढ़ियों को दिशा देने वाला दस्तावेज़ होना चाहिए। इसलिए इसे जल्दबाज़ी में पास नहीं किया जा सकता।
सीएम बोले– सबकी राय से बनेगा कानून, धर्म विशेष का नहीं होगा पक्ष
मुख्यमंत्री ने सदन में प्रस्ताव दिया कि बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए ताकि: इसमें धार्मिक संगठनों की राय ली जा सके, आम जनता और कानूनी विशेषज्ञों की राय शामिल हो, कोई भी पक्ष यह महसूस न करे कि उन्हें सुना नहीं गया। सीएम ने स्पष्ट किया कि यह कानून किसी एक धर्म के लिए नहीं बल्कि सभी पवित्र ग्रंथों की बेअदबी पर समान रूप से लागू होगा।
विपक्ष ने किया समर्थन, कहा– यह कानून समय की मांग
कांग्रेस, शिअद और अन्य विपक्षी दलों ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि यदि सभी पक्षों की राय लेकर यह बिल पारित किया जाए, तो यह वास्तव में ऐतिहासिक होगा।
MA
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