लगातार लंबी हो रही है बीजेपी के घोटालों की लिस्ट, अब मिड-डे मील घोटाला भी जुड़ा- हुड्डा
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 16 जुलाई । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि बीजेपी सरकार के घोटाले की लिस्ट लगातार लंबी होती जा रही है। अब इसमें सैकड़ों करोड़ रुपये का मिड डे मील घोटाला भी जुड़ गया है। प्रदेश में कई साल तक सरकारी स्कूलों के भीतर फर्जी दाखिले दिखाकर सैकड़ों करोड़ की लूट की गई। नीचे से लेकर ऊपर तक मिलीभगत करके सरकारी स्कूलों में 4 लाख फर्जी दाखिले दिखाए गए और उनके नाम पर 300 करोड़ के मिड डे मील का घोटाला किया गया। 2017 में हाइकोर्ट के सख़्त आदेश पर यह जांच शुरू हुई थी फिलहाल इस मामले में सिर्फ 2015 और 2016 के बीच की ही जांच हुई है। नौनिहाल गरीब बच्चों व मानवीय संवेदनाओं को ध्यान में रखकर अगर जांच को 2025 तक बढ़ाया जाए तो स्कूलों में मिड डे मील से लेकर वजीफा तक, सैकड़ो हजारों करोड़ के कई और घोटाले उजागर होंगे।
लेकिन पूरे मामले की विस्तृत जांच और बड़े मगरमच्छों पर कार्रवाई करने की बजाय सरकार अभी तक नोटिस-नोटिस ही खेल रही है। जांच के दायरे में सिर्फ छोटे कर्मचारियों को ही लिया गया है, जबकि सैकड़ों करोड़ का घोटाला बिना उच्चस्तरीय पदस्थ लोगों की भागीदारी के अंजाम नहीं दिया जा सकता।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार के दौरान एक के बाद एक ताबड़तोड़ कई घोटाले हुए हैं। चंद दिन पहले में करनाल का भीतर स्टील कुर्सी घोटाला और श्रम विभाग का वर्क स्लिप घोटाला उजागर हुआ है। इससे पहले बीजेपी राज के दौरान हजारों करोड़ रुपये के अनगिनत घोटाले सामने आ चुके हैं। इनमें शराब घोटाला, खनन घोटाला, ग्वाल पहाड़ी घोटाला, सहकारिता घोटाला, धान घोटाला, FPO घोटाला, HSSC भर्ती घोटाला, कैश फॉर जॉब घोटाला, HPSC रिश्वत घोटाला (दफ्तर में कैश पकड़ा गया), पेपर लीक घोटाला, बाजरा खरीद घोटाला, राशन घोटाला, सफाई फंड घोटाला, रोडवेज किलोमीटर स्कीम घोटाला, HTET घोटाला, छात्रवृति घोटाला, फसल बीमा घोटाला, बिजली मीटर खरीद घोटाला, मेडिकल सामान ख़रीद घोटाला, शुगर मिल घोटाला, अमृत योजना घोटाला, सड़क निर्माण घोटाला, स्टेडियम निर्माण घोटाला, फैमिली आईडी घोटाला, प्रोपर्टी ID घोटाला, आयुष्मान योजना घोटाला, गुरुग्राम नगर निगम घोटाला, फरीदाबाद नगर निगम घोटाला इत्यादि शामिल हैं।
इसी तरह हिसार एयरपोर्ट पर 180 करोड़ रुपये की बिना नींव वाली बाउंड्रीवॉल का घोटाला हुआ तो वहीं, कैथल में सैंकड़ों करोड़ रुपये की कीमती जमीन को महज 12 करोड़ में नीलाम कर दिया गया। ये तमाम घोटाले इसीलिए हो रहे हैं, क्योंकि या ख़ुद सरकार इन्हें अंजाम दे रही है या सरकार घोटालेबाजों को संरक्षण दे रही है।
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