भाजपा सरकार की लापरवाही से प्रदेश के सभी शहरों में हो रहा है जलभराव: कुमारी सैलजा
कहा- कई शहरों में बाढ़ जैसे हालात, सिरसा में करोडों रुपये खर्च करके भी नहीं मिली जलभराव से मुक्ति
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 16 जुलाई।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि हरियाणा सरकार और जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते मानसून की पहली ही बरसात में प्रदेश के लगभग सभी शहरों के साथ साथ सिरसा में जलभराव से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। शहर के कई इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया है, जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है। इस हालात से अमृत योजना और स्मार्ट सिटी योजना में भ्रष्टाचार और लापरवाही उजागर हो रही है साथ ही भाजपा सरकार का खोखला विकास मॉडल बरसात ने धोकर रख दिया है। सड़को में गड्ढे बन गए है कॉलोनियां झील बन गईं है, ऐसे हालात में आमजन का जीवन-यापन दूभर हो गया।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि बारिश ने हरियाणा में भाजपा सरकार के तथाकथित विकास कार्यों की सच्चाई उजागर कर दी है। सिरसा जैसे शहर में सरकार ने अमृत योजना (अटल मिशन फॉर रेजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन) के तहत लगभग 38.76 करोड़ रुपये की लागत से ड्रेनेज परियोजनाएं बनाई हैं, लेकिन हकीकत यह है कि पहली ही बारिश में सड़को पर गड्ढे बन गए, कॉलोनियां झील बन गईं, और आमजन का जीवन-यापन दूभर हो गया। सिरसा शहर में पाइपलाइनें कई बार बिछाई गईं लेकिन तकनीकी खामियों, घटिया निर्माण और खराब डिजाइन के कारण हर साल वही जलभराव दोहराया जाता है। सिरसा नगर परिषद ने करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद जलनिकासी की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं की है। इसी तरह की स्थिति गुरुग्राम, फरीदाबाद, करनाल, हिसार, रोहतक और पानीपत जैसे शहरों में भी देखने को मिलती है, जहाँ स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत करोड़ों की योजनाएं सिर्फ कागज़ों पर चल रही हैं और ज़मीन पर हालात जस के तस हैं। क्या मुख्यमंत्री और शहरी स्थानीय निकाय मंत्री जनता को बताएंगे कि अमृत योजना और स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत हुए कार्यों का स्वतंत्र ऑडिट क्यों नहीं कराया गया? कितने ठेकेदारों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई?
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि क्या भाजपा सरकार इस बात का जवाब देगी कि जब भारी-भरकम बजट खर्च किया गया है, तो ज़मीन पर क्यों नहीं दिखता विकास? क्यों हर बार जनता को बारिश में जलभराव, गड्ढों और ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है? हरियाणा की जनता यह जानना चाहती है कि भाजपा सरकार का विकास मॉडल आखिर किनके लिए है - आम नागरिकों के लिए या ठेकेदारों और भ्रष्ट तंत्र के लिए? अमृत प्रोजेक्ट के तहत करीब 38 करोड़ 76 लाख की लागत से पाइपें बिछाई जा रही है। प्रोजेक्ट के तहत बाल भवन से लेकर हिसार रोड तक पाइप लाइन बिछाई जा रही है जो आगे हिसार रोड पर रंगोई नाले तक जानी है। इसी के साथ ही प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में वाल्मीकि चौक से बी ब्लाक होते हुए अनाजमंडी, डबवाली रोड से बरसाती पानी को घग्घर नदी में डाला जाएगा। कुमारी सैलजा ने कहा कि दोनों ही प्रोजेक्ट अभी अधूरे हैं क्योंकि इन्हें पानी डालने वाली जगहों से जोड़ा ही नहीं गया है। कुमारी सैलजा ने कहा कि जल निकासी के लिए प्रशासन और शासन के पास जनता को दिखाने के लिए सिर्फ प्रोजेक्ट ही है धरातल पर सब कुछ आधा अधूरा है। इतनी धनराशि खर्च करके भी परिषद नगर को जलभराव से मुक्ति नहीं दिला पाई है।
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हिसार सिरसा-NH 9 पर नाले बंद होने से हुआ जलभराव
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि नेशनल हाईवे-9 पर भी अधिकारियो ने कभी भी नालों की साफ सफाई पर ध्यान ही नहीं दिया जबकि बरसात से पहले नालों की सफाई जरूरी है, अधिकारियों ने कागजों में तो नालों की सफाई दिखा दी है पर हकीकत में ऐसा कुछ नहीं है यही कारण है बरसात होने पर एनएच 9 पर जलभराव हो जाता है, गांव ओढां के बीच से एनएच-9 गुजरता है, इस बरसात में एनएस पर दो दो फुट जलभराव हुआ जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वाहन चालकों को दूसरे रास्तों से होकर सिरसा और डबवाली आना जाना पड़ा। अधिकारी कार्यालयों में बैठकर ही कागजों का पेट भरने में लगे हुए है, ये एनएच-9 जगह जगह पर क्षतिग्रस्त हो चुका है पर उसकी मरम्मत की ओर कोई ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है।
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