नाबार्ड का 44वां स्थापना दिवस समारोह आयोजित
हरियाणा में 700 पैक्स का कम्प्यूटरीकरण, 13 करोड़ किसान जुड़े सहकारिता से
चंडीगढ़ में गरिमामयी आयोजन, सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा रहे मुख्य अतिथि
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 16 जुलाई 2025: राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने अपना 44वां स्थापना दिवस बुधवार को चंडीगढ़ के प्रतिष्ठित होटल ललित में भव्य आयोजन के साथ मनाया। समारोह के मुख्य अतिथि हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा रहे, जिन्होंने नाबार्ड की उपलब्धियों को सराहा और सहकारिता क्षेत्र के भविष्य की दिशा रेखांकित की।
700 पैक्स कम्प्यूटरीकृत, हर गाँव तक पहुँचने की योजना
डॉ. शर्मा ने बताया कि हरियाणा में अब तक 700 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) का कम्प्यूटरीकरण हो चुका है, जिससे कार्य प्रणाली में पारदर्शिता और दक्षता आई है। उन्होंने यह भी कहा कि 13 करोड़ से अधिक किसान देशभर में पैक्स से जुड़ चुके हैं, और केंद्र सरकार हर गाँव तक इसकी पहुँच सुनिश्चित करने को संकल्पबद्ध है।
‘विकसित भारत 2047’ और गांधीजी का ग्रामोन्मुखी दृष्टिकोण
अपने संबोधन में मंत्री ने महात्मा गांधी के "गाँव में बसी है भारत की आत्मा" वाले विचार को उद्धृत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनते ‘विकसित भारत 2047’ के विजन की सराहना की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत का सशक्तिकरण ही राष्ट्रीय प्रगति की नींव है।
एफपीओ, एसएचजी की प्रदर्शनी और ग्रामीण महिला उद्यमिता को प्रोत्साहन
इस अवसर पर आयोजित एफपीओ, स्वयं सहायता समूह , और संयुक्त देयता समूह की प्रदर्शनी में हस्तनिर्मित और प्रसंस्कृत उत्पादों को दर्शाया गया। डॉ. शर्मा ने सभी स्टॉल्स पर जाकर उद्यमियों से बातचीत की और महिला स्वावलंबन की भावना की सराहना की।
त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा
डॉ. शर्मा ने भारत के पहले त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा करते हुए कहा कि यह संस्थान सहकारी शिक्षा को नई दिशा देगा। उन्होंने नाबार्ड की तकनीकी पहलों, विशेषकर पैक्स के कम्प्यूटरीकरण को ऐतिहासिक कदम बताया।
“सशक्त ग्रामीण, सशक्त भारत” और “संघ चले, संघ बढ़े” का मंत्र
अपने प्रेरणादायी संबोधन में डॉ. शर्मा ने नाबार्ड के स्थापना दिवस की थीम “ग्रामीण भारत की आवाज़” को केंद्र में रखते हुए कहा कि सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण की राह में नाबार्ड की भूमिका अनुकरणीय रही है।
स्थानीय स्तर पर नवाचार और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन
भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक विवेक श्रीवास्तव ने सुझाव दिया कि पैक्स को ग्राम-स्तरीय स्टार्टअप इन्क्यूबेटर के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने "एक गाँव, एक उत्पाद", फिनटेक नवाचार और युवाओं की भागीदारी को बढ़ाने पर बल दिया।
नाबार्ड की मुख्य महाप्रबंधक ने उपलब्धियां गिनाईं
नाबार्ड हरियाणा क्षेत्र की मुख्य महाप्रबंधक निवेदिता तिवारी ने पिछले चार दशकों में कृषि वित्त, ग्रामीण बुनियादी ढांचे, वित्तीय समावेशन, महिला सशक्तिकरण और एफपीओ, एसएचजी, जेएलजी जैसे संगठनों के सशक्तिकरण में नाबार्ड की भूमिका का विस्तार से वर्णन किया।
सम्मान और सहयोग का संदेश
समारोह के अंत में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पैक्स, जिला और राज्य स्तरीय सहकारी बैंकों को सम्मानित किया गया। साथ ही एफपीओ को पंजीकरण प्रमाण पत्र, इक्विटी अनुदान, और डेयरी समितियों को माइक्रो एटीएम मशीनें वितरित की गईं।
उपस्थित रहे गणमान्य अतिथि और हितधारक
समारोह में राज्य सरकार, नाबार्ड, आरबीआई, एसएलबीसी, सहकारी संस्थाओं, बैंकों, एनजीओ और पैक्स प्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिसने कार्यक्रम को सार्थक और प्रेरक बना दिया।
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