Breaking News: कर्नल पुषपिंदर बाठ केस में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, अब CBI करेगी जांच
Kuljinder sra
पटियाला में आर्मी अफसर कर्नल पुषपिंदर बाठ और उनके बेटे से हुई मारपीट के मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अब इस केस की जांच CBI को सौंपने के आदेश जारी कर दिए हैं। इससे पहले केस की पड़ताल चंडीगढ़ पुलिस के हवाले थी, लेकिन अदालत ने माना कि यूटी पुलिस इस मामले में निष्पक्षता नहीं दिखा सकी।
पीड़ित पक्ष की राहत: अब सच्चाई सामने आने की उम्मीद
कर्नल बाठ की पत्नी ने अदालत के निर्णय पर संतोष जताते हुए कहा कि यह फैसला उनके परिवार के लिए उम्मीद की किरण है। "हमें अब विश्वास है कि निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों को सज़ा मिलेगी।"
क्यों कोर्ट ने CBI को सौंपी जांच? जानिए याचिका में उठाए गए 3 बड़े बिंदु:
1. तीन महीने में शून्य गिरफ्तारी: FIR दर्ज होने और SIT के गठन के बाद भी किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया।
2, कोर्ट में दिए आश्वासन झूठे साबित हुए: इंस्पेक्टर रोनी की याचिका पर कोर्ट ने पूछा था कि अगर याचिका खारिज होती है तो गिरफ्तारी होगी? जवाब "हां" था, लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ।
3. पुलिस पर राजनीतिक दबाव के आरोप: कर्नल बाठ, जो वर्तमान में कैबिनेट सचिवालय में डिप्टी सेक्रेटरी हैं, ने कहा कि यह पूरी घटना "कानून के रखवालों द्वारा ही कानून के उल्लंघन" का उदाहरण है। उनका यह भी आरोप है कि पंजाब पुलिस के दबाव में चंडीगढ़ पुलिस कार्रवाई से बचती रही।
अब तक क्या-क्या हुआ इस केस में?
1. घटना 13-14 मार्च की रात पटियाला के एक ढाबे पर हुई थी, जहां कर्नल और उनके बेटे से मारपीट की गई।
2. पुलिस ने पहले कोई केस दर्ज नहीं किया, लेकिन जब मामला सेना और रक्षा मंत्रालय तक पहुंचा, तब जाकर 12 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया, जिनमें 5 इंस्पेक्टर शामिल थे।
3. मामले को पहले चंडीगढ़ पुलिस को सौंपा गया था, जो कि SIT बनाकर जांच कर रही थी।
SIT की जांच अधूरी, बयान लिए लेकिन नतीजा शून्य
1. घटनास्थल का निरीक्षण,
2, सीन रीक्रिएट,
3. ढाबा स्टाफ से बयान - इन सबके बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई।
राज्यपाल से भी की थी गुहार
कर्नल बाठ की पत्नी ने चंडीगढ़ के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात कर सीबीआई जांच की मांग की थी, जिस पर अब अदालत की मुहर लग चुकी है।
MA
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →