एक बार फिर धरती हिली, 5.9 तीव्रता के भूकंप से दहशत
महक अरोड़ा
12 जून 2025 : ताइवान में एक बार फिर धरती हिल गई है। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (USGS) के मुताबिक, ताइवान के हुआलिएन शहर के पास बुधवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। केंद्रीय मौसम प्रशासन ने भूकंप की तीव्रता 5.9 मैग्नीट्यूड रिकॉर्ड की है। बताया गया है कि भूकंप का केंद्र हुआलिएन शहर से करीब 71 किलोमीटर दक्षिण में, 31.1 किलोमीटर की गहराई में था। राहत की बात यह रही कि इस झटके से अब तक किसी बड़े नुकसान या जनहानि की खबर सामने नहीं आई है।
राजधानी ताइपे में भी इमारतें हिली
भूकंप के झटके इतने तेज थे कि राजधानी ताइपे में भी लोग दहशत में आ गए। वहां की ऊंची इमारतें लगभग एक मिनट तक हिलती रहीं। हालांकि, हुआलिएन की आबादी ताइवान के पश्चिमी हिस्से की तुलना में कम है, जिससे बड़े नुकसान की आशंका कम मानी जा रही है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अफवाहों से बचने की अपील की है।
ताइवान: भूकंप के लिहाज से संवेदनशील इलाका
ताइवान भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। यहां अक्सर धरती कांपती रहती है। इसी साल 9 अप्रैल को भी राजधानी ताइपे में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया था। 21 सितंबर 1999 को ताइवान में अब तक का सबसे भयानक भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 7.7 थी। उस हादसे में करीब 2400 लोगों की जान चली गई थी और एक लाख से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
कितनी बार कांपी है ताइवान की धरती?
आंकड़ों पर नजर डालें तो 1900 से 1991 के बीच ताइवान में हर साल औसतन 2200 भूकंप दर्ज किए गए, जिनमें से 214 को खतरनाक श्रेणी में रखा गया। 1991 से 2004 के बीच यहां 18,649 बार धरती हिली। 1999 में तो रिकॉर्ड 49,919 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। अब तक 96 बार ऐसे भूकंप आ चुके हैं, जिनमें जानमाल का बड़ा नुकसान हुआ है।
आखिर क्यों आते हैं भूकंप?
धरती की सतह कई टुकड़ों, यानी टेक्टोनिक प्लेट्स, में बंटी हुई है। ये प्लेट्स लगातार हलचल में रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं या एक-दूसरे के ऊपर-नीचे खिसकती हैं, तो सतह पर तनाव पैदा होता है। जब यह तनाव अचानक टूटता है, तो ऊर्जा झटके के रूप में बाहर निकलती है, जिससे भूकंप आता है। ताइवान की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल ज्यादा रहती है, इसी वजह से यहां बार-बार भूकंप आते हैं।
सावधानी ही सुरक्षा है!
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें, अफवाहों पर ध्यान न दें और जरूरत पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।