ट्रंप का तगड़ा झटका: भारत के पड़ोसी देश को दिया देश छोड़ने का अल्टीमेटम
महक अरोड़ा
7 जून 2025 : अमेरिका ने नेपाल को दी गई TPS (Temporary Protected Status) यानी अस्थायी संरक्षित स्थिति को रद्द कर दिया है। इस फैसले के बाद अब अमेरिका में रह रहे करीब 7500 नेपाली नागरिकों को देश छोड़ना पड़ेगा। अमेरिकी सरकार का कहना है कि अब नेपाल में 2015 जैसा संकट नहीं है, इसलिए टीपीएस का कोई औचित्य नहीं बचा है।
क्या होता है TPS या निर्वासन सुरक्षा?
टीपीएस एक ऐसा प्रावधान है, जिसके तहत अमेरिका उन देशों के नागरिकों को अस्थायी रूप से अमेरिका में रहने और काम करने की अनुमति देता है, जहां प्राकृतिक आपदा, युद्ध या किसी मानवीय संकट की स्थिति हो।
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इसमें नागरिकता नहीं दी जाती।
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केवल काम करने और अमेरिका में रहने की अस्थायी इजाज़त होती है।
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जैसे ही मूल देश में हालात सामान्य होते हैं, टीपीएस रद्द किया जा सकता है।
क्यों दी गई थी नेपाल को TPS?
साल 2015 में नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद अमेरिका ने नेपाली नागरिकों को टीपीएस के तहत सुरक्षा दी थी। इस दौरान हजारों लोग मारे गए और लाखों बेघर हो गए थे। उस समय ओबामा प्रशासन ने मानवीय आधार पर यह फैसला लिया था।
ट्रंप पहले कार्यकाल से कर रहे थे प्रयास
डोनाल्ड ट्रंप जब 2017 में राष्ट्रपति बने थे, तभी उन्होंने संकेत दे दिए थे कि वह टीपीएस जैसे प्रावधानों को खत्म करना चाहते हैं। हालांकि, उनके पहले कार्यकाल में यह संभव नहीं हो पाया क्योंकि अमेरिकी आव्रजन विभाग ने विरोध किया था। अब ट्रंप प्रशासन ने साफ कर दिया है कि नेपाल में अब हालात सामान्य हैं और टीपीएस की जरूरत नहीं है।
कौन-कौन से देश आए निशाने पर?
पिछले कुछ दिनों में ट्रंप प्रशासन ने 12 मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों पर अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें शामिल हैं:
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अफगानिस्तान
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ईरान
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इराक
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लीबिया
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सोमालिया
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सूडान
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सीरिया
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यमन आदि
चाड ने लिया बदले का फैसला
इस बैन के जवाब में अफ्रीकी देश चाड ने अमेरिका के नागरिकों पर अपने देश में एंट्री बैन कर दी है। चाड के राष्ट्रपति ने कहा है कि "हम आत्म-सम्मान नहीं बेच सकते।"
MA