विदेश भेजने के नाम पर चंडीगढ़ में बड़े पैमाने पर ठगी का धंधा, प्रशासन लाचार;
ज़्यादातर इमीग्रेशन फर्मों का नहीं है रजिस्ट्रेशन, डीसी के आदेशों की भी उड़ रही धज्जियां
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 7 जून 2025:
चंडीगढ़ में विदेश भेजने के नाम पर हो रही धोखाधड़ी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। सेक्टर-17 थाने में दर्ज ताज़ा मामले ने फिर प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
गुरसेवक सिंह निवासी गांव नदुयाली, जिला अंबाला (हरियाणा) की शिकायत पर एफआईआर नंबर 67, यू/एस 318(4), 61(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया है। शिकायत के अनुसार, सेक्टर-17 स्थित एक फर्जी इमीग्रेशन कंपनी के नाम पर सकील अहमद, कुणाल और अन्य ने ऑस्ट्रेलिया के टूरिस्ट वीज़ा के लिए 24,69,340 रुपये की ठगी की। यह कंपनी सेक्टर 17 के एससीओ नंबर 10-12 की दूसरी मंजिल पर चल रही थी।
शिकायत में बताया गया कि फर्म ने शुरू में विभिन्न कागजी प्रक्रियाओं और 'वीज़ा अप्वाइंटमेंट' के नाम पर किश्तों में पैसे लिए, लेकिन न तो वीज़ा मिला और न ही पैसे वापस किए। पीड़ित ने जब पैसे की मांग की तो आरोपी गायब हो गए और अब दफ्तर भी बंद पड़ा है।
इस मामले की जांच सेक्टर-17 थाना पुलिस द्वारा की जा रही है।
हर चौक-चौराहे पर फर्जी इमीग्रेशन फर्में, रजिस्ट्रेशन नहीं
शहर के हर सेक्टर और मुख्य चौक-चौराहे पर कई फर्जी इमीग्रेशन कंपनियां बिना किसी वैध लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के खुलेआम चल रही हैं। अधिकतर कंपनियों का रजिस्ट्रेशन जिला उपायुक्त कार्यालय में नहीं है।
जानकारी के मुताबिक, जिला उपायुक्त कार्यालय द्वारा पहले भी निर्देश जारी किए गए थे कि हर इमीग्रेशन या कंसल्टेंसी कंपनी को स्थानीय स्तर पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा, लेकिन जमीनी स्तर पर इन आदेशों को लागू करने में प्रशासन और पुलिस नाकाम रही है।
प्रशासन पर उठे सवाल
विदेश भेजने के नाम पर लगातार हो रही ठगी से न केवल शहर की छवि खराब हो रही है, बल्कि युवाओं का सपना भी चकनाचूर हो रहा है। इसके बावजूद जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से कोई ठोस और सुनियोजित अभियान नहीं चलाया गया है, जिससे इन फर्जी कंपनियों पर लगाम लगाई जा सके।
शहर के जागरूक नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि फर्जी इमीग्रेशन कंपनियों पर तुरंत कार्रवाई की जाए, डीसी कार्यालय से रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया जाए और बिना रजिस्ट्रेशन चलने वाली फर्मों पर सीधी एफआईआर की जाए। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि प्रशासन कब जागेगा?
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