हरियाणा और पंजाब के बीच बीबीएमबी पानी विवाद: हाईकोर्ट में सुनवाई, पंजाब को राहत नहीं
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 14 मई — हरियाणा और पंजाब के बीच बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) के पानी विवाद का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान एक अहम मोड़ पर पहुंचा। इस सुनवाई में पंजाब सरकार को किसी भी तरह की राहत नहीं मिली। हरियाणा के एडिशनल एडवोकेट जनरल (एएजी) दीपक बाल्याण ने इसकी जानकारी दी।
बीबीएमबी द्वारा दायर याचिका पर पंजाब सरकार ने एक अर्जी दाखिल की थी, जिस पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हरियाणा के एडवोकेट जनरल परमिंदर चौहान ने मजबूती के साथ हरियाणा के पक्ष को कोर्ट के समक्ष रखा।
एएजी दीपक बाल्याण ने कहा कि एडवोकेट जनरल परमिंदर चौहान ने कोर्ट को स्पष्ट रूप से बताया कि हरियाणा कोई अतिरिक्त पानी की मांग नहीं कर रहा है। उसकी मांग केवल बीबीएमबी के साथ तय किए गए कोटे के अनुसार पानी प्राप्त करने की है।
पंजाब को नहीं मिली राहत, बीबीएमबी से मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार की अर्जी पर कोई राहत नहीं दी और मामले में बीबीएमबी से 20 मई तक जवाब दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई भी 20 मई को ही निर्धारित की गई है।
दीपक बाल्याण ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार केवल पानी रिलीज न करना पड़े, इसके लिए 'टाइम-टेक्टिक्स' का सहारा ले रही है। उन्होंने कहा कि 6 मई को बीबीएमबी की याचिका पर आए फैसले को पंजाब सरकार ने अब तक चुनौती नहीं दी है। इसके विपरीत, राजनीतिक बयानबाजी करके जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है।
क्या है विवाद की जड़?
बीबीएमबी के पानी के बंटवारे को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। हरियाणा का दावा है कि उसे उसके हिस्से का पानी नहीं मिल रहा, जबकि पंजाब सरकार इसे राजनीतिक मुद्दा बनाकर खींचती आ रही है। अब हाईकोर्ट की सुनवाई के बाद इस विवाद में नए आयाम जुड़ सकते हैं।
मामले की अगली सुनवाई में बीबीएमबी द्वारा दाखिल जवाब पर दोनों राज्यों की ओर से तीखी बहस होने की संभावना है।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →