संसद का विशेष सत्र बुलाए सरकार – दीपेन्द्र हुड्डा
•सरकार संसद में पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिका द्वारा युद्ध विराम की घोषणा समेत सारे पहलुओं पर बिंदुवार अपनी बात रखे – दीपेन्द्र हुड्डा
•संसद के माध्यम से पूरी दुनिया में आतंकवाद के खिलाफ एक संयुक्त संदेश जाए और देशवासी सेना के पराक्रम व शौर्य का आभार व्यक्त कर सकें – दीपेन्द्र हुड्डा
भारत समेत सारी दुनिया इस बात से स्तब्ध है कि अमेरिका ने युद्ध विराम की घोषणा क्यों की, अमेरिका बीच में कैसे आया– दीपेन्द्र हुड्डा
• पाकिस्तान को किस बात का इनाम दिया जा रहा है। ट्रंप के बयान का समर्थन नहीं किया जा सकता – दीपेन्द्र हुड्डा
• अमेरिकी राष्ट्रपति ने आतंकवाद के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा। प्रश्न तो आतंकवाद पर वार का था व्यापार का नहीं– दीपेन्द्र हुड्डा
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 13 मई। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग करी कि सरकार तुरंत संसद का विशेष सत्र बुलाए ताकि उसमें एक स्वर में सभी देशवासी हमारी सेना के पराक्रम व शौर्य का आभार व्यक्त कर सकें और इसके माध्यम से पूरी दुनिया में आतंकवाद के खिलाफ एक संयुक्त संदेश जाए। उन्होंने कहा कि संसद के विशेष सत्र में सरकार पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिका द्वारा युद्ध विराम की घोषणा समेत सारे पहलुओं पर बिंदुवार अपनी बात रखे। देश की जनता को जो बात बताई जा सकती है वो जनता को जानने का अधिकार है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान आतंकवादियों को पोषित करने वाले देश घोषित हो चुका है। पाकिस्तान किसी भी भरोसे या विश्वास लायक देश नहीं है। पहलगाम की आतंकी घटना के बाद विपक्ष ने अपना पूर्ण समर्थन देश की फ़ौज और देश की सरकार को दिया।
उन्होंने आगे कहा कि आज भारत समेत सारी दुनिया इस बात से स्तब्ध है कि अमेरिका ने युद्ध विराम की घोषणा क्यों की, अमेरिका बीच में कैसे आया? अमेरिका ने हिंदुस्तान और पाकिस्तान को एक जैसा कैसे तौल दिया। पाकिस्तान हमेशा आतंकवाद को संरक्षण देता है जबकि हिंदुस्तान आतंकवाद से जूझ रहा है, लड़ाई लड़ रहा है। ऐसे में दोनों देश दोनों बराबर कैसे हो सकते है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने आतंकवाद के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा। उन्होंने कहा कि अमेरिका दोनों देशों के साथ व्यापार बढ़ाएंगे। ये बीच में व्यापार कहां से आ गया? कूटनीतिक बातों को लेकर देश की जनता के मन में आज कई प्रश्न है। सबसे बड़ा प्रश्न तो आतंकवाद पर वार का था व्यापार का नहीं। कश्मीर पर किसी तीसरे देश से बातचीत का कोई स्थान नहीं है। पाकिस्तान को आईएमएफ़ के जरिए 1 अरब डॉलर का कर्ज मिला जिसमें अमेरिका की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। पाकिस्तान को किस बात का इनाम दिया जा रहा है। ट्रंप के बयान का समर्थन नहीं किया जा सकता।
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