Himachal News: प्रदेश सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में Tertiary Health Services सुदृढ़ कीं
बाबूशाही ब्यूरो
शिमला, 14 मई, 2025 :
वर्तमान प्रदेश सरकार राज्य के सभी छः चिकित्सा महाविद्यालयों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए निरन्तर प्रयास कर रही है ताकि रोगियों का बेहतर उपचार सुनिश्चित किया जा सके।
इसके दृष्टिगत मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के दिशा-निर्देशों पर हमीरपुर स्थित डॉ. राधा कृष्णन चिकित्सा महाविद्यालय में नेफ्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी, गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग स्थापित करने को स्वीकृति प्रदान की गई है। इन विभागों के सुचारू संचालन के लिए कुल 118 पदों को सृजित कर भरने का भी निर्णय लिया गया है।
इससे जिला हमीरपुर के अलावा मंडी, ऊना, बिलासपुर और कांगड़ा जिला के मरीजों को भी उत्कृष्ट चिकित्सा उपचार की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप अस्पताल प्रशासन द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण में पाया गया कि किडनी, नसों और पाचनतंत्र से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव में मरीजों को आईजीएमसी शिमला, टांडा मेडिकल कॉलेज, पीजीआईएमआर चंडीगढ़ जैसे बड़े चिकित्सा संस्थानों में जाना पड़ता था। लेकिन अब मुख्यमंत्री ने प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में नए विभागों की स्थापना और आवश्यक चिकित्सकों व स्टाफ की नियुक्ति की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को बेहतर बनाने के निर्देश भी दिए हैं। उनके निर्देशानुसार राज्य सरकार ने मंडी जिला के श्री लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सा महाविद्यालय, नेरचौक में न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग की स्थापना को मंजूरी प्रदान की गई है। इसका सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर, न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजिस्ट और रेडिएशन सेफ्टी ऑफिसर के पद सृजित कर भरे जाएंगे। इसके अतिरिक्त, सिरमौर जिला के डॉ. वाई. एस. परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, नाहन में पैथोलॉजी विभाग में इम्यूनोहेमेटोलॉजी और ब्लड ट्रांसफ्यूजन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर का पद भरने को भी मंजूरी दी गई है।
राज्य सरकार प्रदेश में चिकित्सा प्रौद्योगिकियों और नैदानिक सेवाओं के उन्नयन पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके तहत, टांडा, हमीरपुर और नेरचौक के चिकित्सा महाविद्यालयों में तीन टेस्ला एमआरआई मशीनें लगाई जा रही हैं। आईजीएमसी में मौजूदा एमआरआई मशीन 19 साल से अधिक पुरानी है जिसे शीघ्र बदला जाएगा।
शिमला जिला के चमियाना अस्पताल के साथ-साथ सभी चिकित्सा महाविद्यालयों, जोनल और क्षेत्रीय अस्पतालों को आधुनिक मशीनों से लैस किया जा रहा है, ताकि प्रदेश के लोगों को राज्य में विश्वस्तरीय उपचार सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकें। राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों में आधुनिक तकनीक लागू करने के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। राज्य सेे बाहर के स्वास्थ्य संस्थानों पर मरीजों की निर्भरता कम करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त, राज्य में 69 स्वास्थ्य संस्थानों को विशेष चिकित्सा सुविधा और बेहतर निदान क्षमताओं से जोड़कर स्वास्थ्य क्षेत्र का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। (SBP)
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →