रात की सड़कों पर अब महिलाएं सुरक्षित: चंडीगढ़ प्रशासन का बड़ा कदम
- कैब सेवाओं के लिए नए दिशानिर्देश जारी, महिला सुरक्षा को मिली प्राथमिकता
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 13 मई 2025: चंडीगढ़ की सड़कों पर रात की खामोशी में अब महिलाएं खुद को और भी ज्यादा सुरक्षित महसूस कर सकेंगी। इसका श्रेय जाता है चंडीगढ़ के जिला मजिस्ट्रेट निशांत कुमार यादव (आईएएस) द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों को, जिनका उद्देश्य विशेष रूप से बीपीओ, कॉल सेंटर, कॉर्पोरेट कार्यालय, मीडिया संस्थान और अन्य ऐसी कंपनियों में काम करने वाली महिला कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
ये आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत लागू किए गए हैं और 5 मई 2025 से प्रभावी हैं। यह निर्देश 3 जुलाई 2025 तक लागू रहेंगे।
महिला सुरक्षा के 8 पुख्ता कदम:
डेटा संग्रहण का प्रावधान:
सभी संगठनों को अपने कर्मचारियों, सुरक्षा गार्ड, कैब चालकों और संविदा कर्मियों का पूरा डेटा एकत्रित और सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा। इससे किसी भी आपात स्थिति में पुलिस को जानकारी मिल सकेगी।
लाइसेंस प्राप्त एजेंसियों से नियुक्ति:
अब सभी सुरक्षा गार्ड और संविदा कर्मियों की नियुक्ति केवल लाइसेंस प्राप्त एजेंसियों से ही होगी।
पृष्ठभूमि सत्यापन अनिवार्य:
संविदा कर्मियों समेत सभी कैब चालकों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। बिना सत्यापन के कोई भी संविदा कर्मचारी नियुक्त नहीं किया जा सकेगा।
कैब में सुरक्षा गार्ड या पुरुष सहकर्मी:
रात 8 बजे से सुबह 7 बजे तक महिला कर्मचारियों को कैब में सफर करने के दौरान एक विधिवत सत्यापित सुरक्षा गार्ड या पुरुष सहकर्मी का साथ रहना अनिवार्य होगा।
सुरक्षित पिकअप और ड्रॉप:
यह सुनिश्चित किया जाएगा कि महिला कर्मचारी को न तो सबसे पहले उठाया जाए और न ही सबसे अंत में उतारा जाए। इससे किसी भी जोखिम की संभावना को कम किया जा सकेगा।
घर तक सुरक्षित पहुंचने की गारंटी:
रात के समय महिला कर्मचारियों को सीधे उनके घरों तक छोड़ा जाएगा। कैब चालक यह सुनिश्चित करेगा कि महिला कर्मचारी सुरक्षित घर पहुंच गई है, जिसकी पुष्टि टेलीफोन कॉल के माध्यम से की जाएगी।
संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष व्यवस्था:
जिन क्षेत्रों में सड़क संपर्क कमजोर है, वहां महिला कर्मचारी को सुरक्षित पहुंचाने के लिए सुरक्षा गार्ड या पुरुष सहकर्मी का साथ रहना अनिवार्य किया गया है।
जीपीएस ट्रैकिंग अनिवार्य:
महिला कर्मचारियों को ले जाने वाली हर कैब में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा। इससे उनके सफर को रियल-टाइम मॉनिटरिंग के माध्यम से ट्रैक किया जा सकेगा।
सख्त निगरानी और कड़ा दंड:
कैब चालकों को यह हिदायत दी गई है कि वे किसी भी अजनबी को लिफ्ट न दें, निर्धारित मार्ग से न भटकें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
इन दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।
महिला सुरक्षा के प्रति संजीदा प्रशासन:
जिला मजिस्ट्रेट निशांत कुमार यादव का यह कदम चंडीगढ़ में कामकाजी महिलाओं के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह काम करेगा। इन सख्त दिशानिर्देशों से न केवल महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि वे अपने काम की जगहों पर भी सुरक्षित महसूस करेंगी।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →